एक झलक

श्रावण मास में शिवजी के दर्शन करते समय एक बात और सीखने योग्य है

श्रावण मास में शिवजी के दर्शन करते समय एक बात और सीखने योग्य है

23जुलाई2022

श्रावण मास में शिवजी के दर्शन करते समय एक बात और सीखने योग्य है शिवजी के जीवन में विलास नहीं है, संन्यास है, भोग नहीं योग है इनके चित्त में काम नहीं राम हैं इन्होंने कामदेव को भस्म किया है।

विषय विष से भी ज्यादा खतरनाक है विष शरीर को मारता है, विषय आत्मा तक को प्रभावित करता है विष खाने से केवल एक जन्म, एक शरीर नष्ट होता है पर विषय का चस्का लग जाने पर तो जन्म- जन्मान्तर नष्ट हो जाते हैं।

संयम से जीवन जीने से आयु भी बढती है योग के साथ रहने से चित्त भी प्रसन्न रहता है विषय आयु को तो नष्ट करता ही है साथ में चित्त में अशांति और पुनः प्राप्त करने की आशा भी उत्पन्न होती है आज अति भोगवाद भी व्यक्ति और विश्व की अशांति का प्रमुख कारण है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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