संतों-महंतों के बीच से हो मेयर पद का प्रत्याशी- पूर्व महंत कुलपति तिवारी
वाराणसी16नवम्बर :काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बड़ी मांग कर डाली है, काशी में इस वर्ष चाहे महिला सीट हो या फिर बदल कर पुरुष सीट कर दी जाए। दोनों ही परिस्थितियों में मेयर पद पर संत समाज के बीच से ही कोई प्रत्याशी खड़ा किया जाना चाहिए। काशी के संत महंत ऐसे ही प्रत्याशी का समर्थन करेंगे। यह जानकारी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी ने मंगलवार को अपने टेढ़ीनीम स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में दी।
डा. तिवारी ने कहा कि काशी अनादि काल से धार्मिक नगरी है। इस नगरी के प्रथम नागरिक होने का गौरव अब तक किसी संत महंत को नहीं मिला है। ऐसा बहुत पहले हो जाना चाहिए था। अब भी बहुत देर नहीं हुई है। धर्म नगरी का मेयर संतों-महंतों के बीच से ही हो यह सुनिश्चित करने के लिए काशी के सभी मंदिरों के महंतों, मठों के पीठाधीश्वरों की बैठक बुलाई जाएगी। सभी की सहमति के आधार पर जल्द ही बैठक की तारीख भी घोषित की जाएगी। डॉ तिवारी ने कहा कि इस संबंध में जनमत तैयार करने के लिए काशी के समस्त छोटे बड़े मंदिरों के महंतों के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया है। काशी के कम से कम 300 प्रमुख मंदिरों के महंतों और सेवइतों के साथ मंत्रणा करने के बाद उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस संबंध में पत्रक भेजा जाएगा। उस पत्रक पर 300 मंदिरों के महंतों और सेवइतों के अलावा काशी के प्रकांड विद्वानों एवं विशिष्ट हस्तियों के हस्ताक्षर भी होंगे। आवश्यकता पड़ी तो काशी के संतों महंतों का सम्मेलन भी कराया जाएगा।
पत्रकारवार्ता में उपस्थित संकठा मंदिर के महंत अतुल शर्मा ने कहा कि संत समाज का प्रतिनिधित्व मिनी सदन में होने पर काशी के धार्मिक और पौराणिक स्वरूप को बनाए रखने में विशेष सहयोग मिलेगा। काशी को मांस मदिरा से मुक्ति के दिलाने का जो सपना इन दिनों काशीवासियों ने देखना शुरू किया है उसे पूर्ण करने में मदद मिलेगी। संत मोहित दास ने डॉ कुलपति तिवारी की बातों का समर्थन करते हुए इस संबंध में काशीवासियों से भी अपना मंतव्य जाहिर करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि जब प्रत्येक सनातनी काशीवासी पुरजोर तरीके से यह बात उठाएगा तो शासन प्रशासन को उसकी बात मांनने के लिए विवश होना पड़ेगा। संत रघुवर दास ने कहा कि किसी भी शहर की सत्ता संचालन के लिए उसके पार्षद और मेयर सबसे बड़ी ताकत होते हैं, फिर काशी जैसी धार्मिक और अति प्राचीन नगरी के लिए तो यह आवश्यक है कि मेयर के साथ ही साथ पार्षदों की सीटों पर भी युवा साधकों को अवसर प्रदान किया जाए। महंत रविकांत महाराज ने कहा कि जब तक काशी का मेयर विशुद्ध राजनीतिज्ञ व्यक्ति या व्यापारी होता रहेगा तब तक काशी को पूर्ण रूप से धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुनः प्रतिष्ठित नहीं किया जा सकेगा। संत महात्मा ही धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप काशी को संवार सकते हैं। संजीव रत्न मिश्र ने कहा कि आगामी नगर निगम चुनाव से पहले हम अपनी इस मांग के समर्थन में वातावरण तैयार करने के लिए जगह-जगह गोष्ठियों का आयोजन करेंगे।अंक ज्योतिषी पं. वाचस्पति तिवारी, अजय शर्मा, हिमांशु राज, पं विजयानंद दुबे, आदि ने भी अपना समर्थन व्यक्त किया है।