एक झलक
सत्कर्म ही जीवन है
2नवम्बर2021
नदी का पानी मीठा होता है क्योंकि वो पानी देती रहती है
सागर का पानी खारा होता है क्योंकि वो हमेशा लेता रहता है
नाले का पानी हमेशा दुर्गंध देता है क्योंकि वो रूका हुआ होता है
यही जिंदगी है
देते रहोगे तो सबको मीठे लगोगे
लेते रहोगे तो खारे लगोगे
और
अगर रुक गये तो सबको बेकार लगोगे
सत्कर्म ही जीवन है।