पूर्वांचल

सामाजिक संस्था सुबह-ए- बनारस क्लब द्वरा जल दोहन रोकने के लिए छात्र छात्राओं दिलाया शपथ

नित्य बचाएं जल, ताकि बचा रहे कल, बिन पानी घड़ा सून 

वाराणसी, 5 मई,प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भूजल स्तर घटते संकट पर बेतहाशा हो रहे जल- दोहन को हर हाल में शक्ति के साथ रोकने की जरूरत है। इसके लिए व्यापक तौर पर जागरूकता फैलाने के साथ जन-आंदोलन की आवश्यकता है। अगर हम अब नहीं चेतेंगे तो परिणाम काफी भयावह होंगे। आने वाली पीढ़ियां भी हमें माफ नहीं करेगी। दिन-प्रतिदिन भूजल स्तर घटता जा रहा है। वास्तव में समाज के हर लोगों को जल संरक्षण के प्रति सचेत होना पड़ेगा। सरकार को भी इस पर कड़ा रुख अख्तियार करने की जरूरत है। आने वाले दिनों में इन्हीं गंभीर समस्याओं को देखते हुए सामाजिक संस्था सुबह-ए- बनारस क्लब के बैनर तले संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल, लक्ष्मी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ.अशोक कुमार राय कॉलेज के प्रधानाचार्य कमलेश कुमार सिंह, महासचिव राजन सोनी, उपाध्यक्ष समाजसेवी अनिल केसरी के नेतृत्व में सुड़िया स्थित सरस्वती इंटर कॉलेज के प्रांगण में सभी छात्र छात्राओं को शपथ दिलाया गया कि गिरते भूजल स्तर को देखते हुए वह पानी की बर्बादी ना करने के साथ-साथ इसके अनावश्यक रूप से बर्बादी को रोकने के लिए डोर टू डोर प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगे। उपरोक्त अवसर पर संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल, लक्ष्मी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ.अशोक कुमार राय, प्रधानाचार्य कमलेश कुमार सिंह, महासचिव राजन सोनी, एवं उपाध्यक्ष समाजसेवी अनिल केसरी ने कहा कि रोजमर्रा की जिंदगी में पानी बहुत जरूरी है, कम से कम पानी के इस्तेमाल की शुरुआत हमें अपने घरों से करना होगा। नल को खुला न छोड़ें, अगर नल की टोटी खराब है तो उसे तुरंत बदल दे, हाथ धोते एवं सेविंग के समय टोटी को बंद रखें, पानी के इंतजार में टोटी खुला न छोड़ें कार छत तथा फर्श धोने में पेयजल का प्रयोग न करें। इत्यादि बातों का सदैव ध्यान रखना पड़ेगा। पानी बचाने की पहल छोटी हो या बड़ी सार्थक होनी चाहिए। रोजमर्रा की जिंदगी में कई ऐसे मौके हैं जहां हम पानी की बर्बादी को रोक सकते हैं। जल बचाने की मुहिम में जल को बचाने के लिए महिलाओं को भी आगे आना होगा। उन्हें भी रसोई से लेकर घर के दैनिक कार्यों में पानी को बचाना होगा। अभी अवसर हमारे हाथों में है, जल को संचय करते हुए ही जरूरत के मुताबिक उसका उपयोग कर हम भविष्य में संभावित जल संकट से बच सकते हैं। आरो का पानी सबसे ज्यादा बर्बाद होता है। जितने पानी की जरूरत होती है, उससे ज्यादा बर्बाद होती है। हमें इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है। पानी की मोल हम अब नहीं समझे तो इसकी कीमत हमारे आने वाले पीढ़ी को चुकानी पड़ेगी। लगातार गिरते भू गर्भ जलस्तर की विकराल परिस्थिति को देखते हुए प्रत्येक नागरिक को इस दिशा में सचेत होने की जरूरत है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से:- मुकेश जायसवाल, डॉ. अशोक कुमार राय, कमलेश कुमार सिंह, राजन सोनी, अनिल केशरी, कोषाध्यक्ष नन्द कुमार टोपी वाले, कॉलेज के उप प्रबंधक दिनेश मल्होत्रा, कॉलेज के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर प्रेम नारायण श्रीवास्तव, सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल थे।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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