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सिख परंपरा भारत की भक्ति व शक्ति का एक अद्भुत संगम-योगी आदित्यनाथ

लखनऊ27दिसम्बर: साहिबजादा दिवस पर सोमवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर गुरबाणी गूंजी। साहिब श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज जी के चार साहिबजादों एवं माता गुजरी जी की शहादत को समर्पित साहिबजादा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुबाणी कीर्तन में सम्मिलित हुए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले अपने सरकारी आवास पर श्री गुरु ग्रंथ साहब की अगवानी की। इससे पहले भी सीएम के आवास पर श्री गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सीएम के सरकारी आवास पर आज के कार्यक्रम में डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया भी मौजूद थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे इस मुख्यमंत्री आवास पर श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर निकली कीर्तन यात्रा का पाठ करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह मेरे लिए सौभाग्य का अवसर है कि देश व धर्म के लिए अपना बलिदान देने वाले गुरु गोबिंद सिंह महाराज के उन चार साहिबजादों की शहादत में आज साहिबजादा दिवस पर हम लोग मुख्यमंत्री आवास में गुरुबाणी कीर्तन करके यहां उनकी स्मृति को नमन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिख परंपरा भारत की भक्ति व शक्ति का एक अद्भुत संगम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश और दुनिया में सिख कौम अपनी पुरुषार्थ के लिए जाना जाता है, लेकिन भारत को गुलाम बनाने की मंशा और भारत को इस्लाम में बदलने की मंशा से जो आए थे, आज उनका नाम और निशान मिट गया है। भारत की गुरू परंपरा सामान्य परंपरा नहीं एक दिव्य परंपरा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे देश का इतिहास है कि एक तरफ औरंगजेब बाबा काशी विश्वनाथ का मंदिर तोड़ता है तो दूसरी तरफ राजा रणजीत सिंह ने विश्वनाथ मंदिर को स्वर्ण मंडित किया। हमें सोचना है कि हमें औरंगजेब का सम्मान करना है या राजा रणजीत सिंह जी का। कौन नहीं जानता कि जब आक्रांता औरंगजेब के सिपहसालार ने गुरु गोविंद सिंह जी के साहेबजादों को लालच देने का प्रयास किया था। साहेबजादों ने दीवार में चुनना पसंद किया और धर्म व देश की रक्षा के लिए बलिदान होना स्वीकार किया। जब बाबर के हमले भारत में हो रहे थे, आताताइयों ने पूरे धर्म को इस्लाम में बदलने और भारत को गुलाम बनाने की उनकी मंशा को सिख गुरुओं ने पूरा नहीं होने दिया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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