सीएम योगी की रुख सख्त , शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर 24 जिलों के अफसरों पर गिरेगी गाज
लखनऊ29दिसम्बर :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता जनशिकायतों के निस्तारण में शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही मानक है और इसी आधार पर अधिकारियों के कार्यों की ग्रेडिंग की जा रही है. आईजीआरएस पोर्टल पर जनशिकायतों के गुणवत्तायुक्त निस्तारण में बार-बार लापरवाही पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुवे . सीएम योगी के निर्देश पर 24 जिलों के अफसरों के खिलाफ कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति और प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखा है। सीएम योगी जनता दर्शन के जरिये सीधे आम लोगों से आमतौर पर रोजाना संवाद करते हैं और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण को लेकर कई बार अधिकारियों निर्देश भी देते हैं. इसे लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिलाधिकारी कार्यालयों द्वारा अक्टूबर माह में फीड की गई जनशिकायतों की समीक्षा दुबारा की, जिसमें पूर्व में चेतावनी देने के बाद भी आजमगढ़, बागपत, सोनभद्र, कासगंज, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत और एटा जिले में आवेदकों के मोबाइल नंबर फीड नहीं किए गए या गलत फीड मिले हैं. ऐसे ही, पुलिस के हरदोई, रायबरेली, लखनऊ ग्रामीण, कासगंज, बलिया, मैनपुरी, लखनऊ, सहारनपुर, बांदा, कानपुर आउटर, बस्ती, अमेठी, हाथरस, हमीरपुर, मथुरा और संतकबीरनगर के जिले स्तर के कार्यालयों द्वारा अक्टूबर में फीड की गई जनशिकायतों की समीक्षा में भी चेतावनी के बावजूद लापरवाही सामने आई है. इसे शासन की ओर से काफी गंभीरता से लिया गया है और इसे शासन की मंशा के विपरीत बताया गया है. साथ ही, नोडल अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने की अपेक्षा की गई है। सीएम योगी के सख्त रुख के कारण जनशिकायतों के निस्तारण में हीलाहवाली, लेटलतीफी और टरकाने को लेकर हाल ही में सीएम कार्यालय ने उदाहरणों के साथ 20 बिंदुओं पर चेक लिस्ट जारी की थी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने रैंडम गुणवत्ता परीक्षण में खराब निस्तारण मिलने पर पुनर्जीवित मामलों में पहली बार आईजीआरएस के माध्यम से स्पष्टीकरण लेने और स्पष्टीकरण के संतोषजनक न होने पर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया था।