कोविड-19

सीरम इंस्टीट्यूट का फैसला, सरकार को मुफ्त में देगा कोविशील्ड की 2 करोड़ डोज

नई दिल्ली29दिसम्बर :भारत में कोरोना वायरस को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. देशभर में जीनोम सीक्वेंसिंग और कोरोना टेस्टिंग बढ़ा दी गई है. इसके अलावा सभी अस्पतालों ने कोविड से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करना भी शुरू कर दिया है. जानाकरी के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट में सरकार और नियामक मामलों के डायरेक्टर प्रकाश कुमार सिंह ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर 410 करोड़ रुपये की कोविशील्ड की वैक्सीन मुफ्त देने की पेशकश की है. उन्होंने पत्र के जरिए मंत्रालय से जानना चाहा कि डिलीवरी कैसे की जा सकती है.

अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने कहा है कि वह केंद्र सरकार को कोविशील्ड वैक्सीन की दो करोड़ खुराक मुफ्त में देगी. कंपनी ने चीन समेत कई देशों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बीच यह फैसला लिया है.

आंकड़ों के मुताबिक देश में बुधवार को कोरोना के 188 नए मामले सामने आए, जिसके बाद देश में अब कोरोना के कुल एक्टिव केस 3 हजार 468 हो गए हैं. वहीं डेली पॉजिटिविटी रेट 0.14 फीसदी जबकि साप्ताहिक 0.18 फीसदी है.

अब तक 170 करोड़ की वैक्सीन दे चुका सीरम

SII राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए सरकार को अब तक 170 करोड़ से अधिक की कोविशील्ड की खुराक दे चुकी है. चीन और दक्षिण कोरिया सहित कुछ देशों में कोविड-19 मामलों में तेजी के बीच सरकार ने अलर्ट जारी किया है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है.

केवल 27 फीसदी ने ही लगवाई है बूस्टर डोज

जानकारी के मुताबिक देश में अब तक केवल 27 प्रतिशत लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई है. सरकार ने अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा लोग बूस्टर डोज लगवा लें. सूत्रों ने बुधवार को आगाह किया कि अगले 40 दिन अहम होंगे क्योंकि भारत में जनवरी में कोविड के मामलों में तेजी देखने को मिल सकती है.
हालांकि मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अगर कोरोना की कोई लहर आती भी है, तो इस संक्रमण से मौतों और अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम रहेगी. सरकार ने शनिवार से हर अंतरराष्ट्रीय उड़ान में आने वाले दो प्रतिशत यात्रियों के लिए रैंडम कोरोना वायरस का टेस्ट अनिवार्य कर दिया है.

भारत में जनवरी में आएगी कोरोना की लहर!

सूत्रों की मानें तो भारत में जनवरी में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है. पिछले ट्रेंड्स को देखते हुए यह दावा किया जा रहा है. दरअसल, पहले भी ऐसा देखा गया है कि ईस्ट एशिया को प्रभावित करने के 30 से 35 दिनों बाद ही भारत में कोविड-19 की नई लहर पहुंची थी. इसलिए यह एक ट्रेंड बन गया है, जिसके आधार पर ही यह दावा किया जा रहा है.

वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस बार कोरोना का संक्रमण लोगों के लिए ज्यादा गंभीर नहीं है. ऐसे में अगर कोई लहर आती भी है तो मरीजों की मौतें और उनके अस्पताल में एडमिट होने की संख्या काफी कम रहेगी.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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