ताज़ातरीन

हाय हाय पावर कार्पोरेशन,पावर कार्पोरेशन के शीर्ष प्रबन्धन द्वारा कर्मचारियों पर जबरा मारे और रोने भी ना दे नीति

लखनऊ 1 मई : सबसे पहले तो हम सभी पाठको को मई दिवस मजदूर दिवस की बधाई और शुभकामनाऐ

अब आते है आज की खबर पर पूरे प्रदेश मे बिजली कटैती पर त्राही त्राही मची हुई है यह बात तो सर्वविदित है और सभी तरफ से पूछा जा रहा है कि इसका जिम्मेदार कौन है तो बात आ जाती है उत्पादन कम है ? तो बिजली का उत्पादन कम क्यो है ? क्यो कि कोयला नही है नये उत्पाद करने के लिए नई इकाईया नही है और पुरानी ईकाईयो मे कोयला क्यो नही है तो जवाब है कि कोयले का भुगतान नही हुआ तो प्रश्न उठता है कि भुगतान क्यो नही हुआ तो धन की कमी बताई जाती है और नयी ईकाईया क्यो नही स्थापित की जा रही है उस पर भी घन की कमी का रोना रो कर अपना पल्ला झाड लिया जातता है यानि कि प्रबन्ध मे बैठे लोग बडे मासूम है उनको तो कुछ मालूम ही नही वैसे इस विजली संकट का पूर्वानुमान 31मार्च के मेरे लेख ने पहले से ही पाठको को यह बता दिया था कि इस बार गर्मीयो मे बिजली को ले कर त्राही त्रही मचेगी जो कि आज बात सच साबित हो रही है । इसका मूल कारण प्रबन्धन का तानाशाहीपूर्ण कार्यशैली है पूरे पावर कार्पोरेशन मे एक डर का महौल बना हुआ है कुछ बोलोगे तो अनुशासन भंग करने का आरोप लगा कर कार्यवाई कर दी जाएगी ।

और तो और विभागीय यूनियनो को भी दबाने मे कोई कसर नही छोडी जा रही है चर्चाए तो यहाँ तक है कि अभियन्ता संध के महासचिव को फोन पर प्रबन्धन धमका रहा है अभियन्ता संध के अध्यक्ष और महासचिव के ऊपर भ्रष्टाचार के मामले है इसी की आड मे कार्यवाई की धमकी दी जा रही है अभियन्ता संध के वाट्सेप ग्रुप मे महासचिव द्वारा यह खुलासा भी किया गया कि प्रबन्ध की तरफ से टेलीफोन के माध्यम से यह धमकी दी गयी है कि अभियन्ता संध और संघर्ष समिति की तरफ से जो ट्वीटर पर जो ट्वीट किये गये है उनको हटा दिया जाए वर्ना इसके गंभीर परिणाम भुगताने होगे यानि कि खुली धमकी ।

एक तरफ जनाब खुद ही गलती करते है खामियाजा जनता को भुगताना पड रहा है अगर कोई कुछ बोले तो धमकी वैसे भी अभियन्ता संघ के चुनाव की घोषणा होने वाली है और कार्यकारणी बदल जाएगी फिर के और कैसे धमका होगे । जब प्रबन्धन मे बैठे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अनुभवहीन अध्यक्ष व प्रबन्ध निदेशक यानि कि बडका बाबूजी लोग जब 21 हजार करोड रूपय सब्सिडी के और लगभग 10500 करोड रूपया सरकारी क्षेत्र मे अपने बकाये का सरकार से नही ले पा रहा है तो संकट तो उत्पन्न होगा ही देन देनदारिया कम होने के बावजूद भी घाटा कुप्रबंधन की वजह खुद करे और धौस उन लोगो पर जो गलतिया को इगित करे । चर्चा तो यहा तक है कि अनुभवहीन प्रबन्धन ने कुछ सेवानिवृत्त कर्मचारी नेताओ जिनका पूरा जीवन ही इस ऊर्जा के क्षेत्र मे बीता है उनका शक्तिभवन मुख्यालय मे प्रवेश ही निषेध कर रखा है सच्चाई का आईना दिखाओगे तो प्रवेश निषेध चर्चा तो यहाँ तक है कि फील्ड हास्टल जो कि विभागीय विश्राम स्थल है वहाँ पर इस बार विभागीय सयुंक्त संघर्ष समिति की बैठक तक नही होने दी गयी और दूसरी तरफ प्रबन्ध के खास संगठन जिसको विभाग से सम्बन्ध ना रखने वाले बाहरी चाटूकारो लोग चला रहे उनको खुली छुट है कि वो फील्ड हास्टल मे धरना-प्रदर्शन या जो चाहे कर सकते है उन पर प्रबन्धन मेहरबान रहता है यही सब देखने के बाद लिखा जाता है कि जबरा मारे और रोने भी ना दे । खैर

 

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *