हाय हाय पूर्वांचल विधुत वितरण निगम, बड़केबाबू के नाक नीचे से घोटाले की फाइल गुम
वाराणसी08नवम्बर: पूर्वांचल को विद्युत आपूर्ति के माध्यम से प्रकाशवान रखने वाले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में प्रायः घोटाले की खबरे सुर्खियों में रहती है दो से चार दिन अफरा तफरी के बाद लगभग सभी मामलों में कछुवा छाप जांच कमेटी का गठन कर मामले ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने की परम्परा यहाँ कायम हैं यहा घोटाले चाहे जितने बड़े हो परन्तु सजा के नाम पर मात्र कोरम पूरा करने की परम्परा कायम है इसी क्रम में 2019 में प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित कुम्भ मेले में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों द्वारा लगभग 22 करोड़ का विद्युत उपकरण के घोटाले को अंजाम दिया गया जिस वक्त इस घोटाले की खबर UPPCL के बड़केबाबुओ को लगी उस वक्त वाराणसी स्थित डिस्कॉम मुख्यालय से शक्तिभवन तक हरकत में आया परन्तु तत्कालिक नतीजा टाय टाय फीस रहा और विभागीय अनुभवहीन बड़केबाबुओ द्वारा एक कछुवा छाप जांच कमेटी का गठन कर जांच शुरू करवा दी गयी और जो जांच 2020 में लगभग नतीजे के करीब पहुची उस वक्त पूर्वांचल की कमान के बालाजी के हाथों में थी और सूत्र बताते हैं कि इस जांच रिपोर्ट मे उनके द्वारा दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही के आदेश भी दिए गए थे ठीक उसी वक्त उनका स्थानांतरण होने के कारण एक बार फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया परन्तु सूत्र बताते हैं कि नवांगतुक प्रबंधनिदेशक के आते ही इस घोटाले को अंजाम तक पहुचाने वाले घोटाले के रिंग मास्टर पूर्व निदेशक क्रोकोडाइल की सभी घोटालेबाजो ने गणेश परिक्रमा करना शुरू कर दिया था उन दिनों पूर्वांचल में एकमात्र अधिशासी अभियंता चिपकू का साम्राज्य कायम था जिसे भ्रष्टाचार की खुली छूट प्रबंधनिदेशक द्वारा दी गयी थी जिसने घोटालेबाजो के साथ मिलकर इस मामले को हवा तक नहीं लगने दिया और 2021 में वर्तमान मे तेजतर्रार निदेशक कार्मिक प्रशासन ने जब कुम्भ घोटाले के जांच की फाइल को अंजाम तक पहुचने की कार्यवाही शुरू करनी चाही तो सूत्र बताते है कि महोदय हाथ मलते देखे जा रहे हैं क्योंकि डिस्कॉम मुख्यालय से कुम्भ घोटाले की फाइल लापता होने की खबर हैछन्न कर बाहर आ रही है
वैसे वर्तमान बड़केबाबू को हर बात पर चाहिए प्रमाण
वैसे वर्तमान में डिस्कॉम की कमान संभाले बड़केबाबू को विभागीय लोग सख्त और जानकर बताते हैं परन्तु जहाँ मामला भ्रष्टाचार का आता है तो बगैर किसी नतीजे पर पहुचने से पहले शिकायतकर्ता से भ्र्ष्टाचार का प्रमाण मांगते नजर आते हैं इस कार्य शैली से एक बात तो साफ है कि वर्तमान बड़केबाबू या तो पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में समय काट रहे हैं या जानबूझ कर भ्रष्टाचार के मुद्दे से पल्ला झाड़ रहे हैं । खैर बडका बाबू जी प्रमाणो के साथ खबर प्रकाशित है अव देखना यह है कि कोई कार्रवाई होती है या पुरानी परम्परा कायम रहती है ।