10 मार्च को वोट के ठेकेदारो की खुलेगी पोल- ठेकेदारो ने चुनाव में खूब कमाया माल,आखिरी समय तक ठेकेदारो ने प्रत्याशियो को रखा झांसे में
09मार्च2022
यूपी में सभी सात चरण का मतदान खत्म होने के बाद अब सबकी निगाहें 10 मार्च पर टिकी हुई है। विधानसभा चुनाव में सातवे चरण का मतदान भी समाप्त हो चुका है ।
विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को आयेगे। चुनाव परिणाम आने के बाद जहां एक ओर प्रत्याशियो के भाग्य का फैसला होगा तो वहीं वोट के ठेकेदार भी बेनकाब हो जायेगे। 10 मार्च को वोट के ठेकेदारो की पोल खुल जायेगी। ठेकेदारो की पोल के बारे में प्रत्याशियो को पता चल जाएगा कि कौन सा ठेकेदार कितने पानी में है। दारु वाला या नकदी लेने वाला। आगामी 10 मार्च को इन ठेकेदारो की असलियत सामने आ जाएगी।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने वाले सभी प्रत्याशियो के आगे पीछे, इर्द गिर्द ठेकेदार नजर आते है। जो अपने समाज, बिरादरी और क्षेत्र के लोगो का वोट दिलाने का ठेका लेते है। लगभग सभी प्रत्याशी ऐसे ठेकेदारो के झांसे में आ गए है।
ठेकेदारो ने प्रत्याशियो से बसूली मोटी रकम
सूत्रो का दावा है कि वोट बैंक के ऐसे ठेकेदारो ने प्रत्याशियो से वोट दिलाने के एबज में मोटी रकम बसूली है। कुछ ठेकेदारो ने प्रत्याशियो को भरोसा दिलाया था कि रुपया खर्च करने के बाद हमारी बिरादरी, समाज और क्षेत्र के वोट उनके लिए करेगे। सूत्रो का यहां तक दावा है कि ठेकेदारो ने प्रत्याशियो से रुपया तो लिया ही था। लेकिन उस रुपया को क्षेत्र में खर्च नही किया। ऐसे ठेकेदारो की भरमार है।
समाज, बिरादरी, और क्षेत्र के वोट दिलाने का लिया था ठेका
विधानसभा चुनाव के लिए वोट के ठेकेदारो ने अपने समाज, बिरादरी और क्षेत्र के लोगो के वोट नेता जी के पक्ष में दिलाने का ठेका लिया था। कई ठेकेदार तो ऐसे है तो बड़े मान मनोवल करने के बाद प्रत्याशियो के साथ काम करने में जुटे थे। वोट के ठेकेदारो ने प्रत्याशियो को जातिगत, सामाजिक और क्षेत्र का समीकरएा समझाकर अपने विश्वास में लिया था।
मतगणना में खुलेगी पोल
विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 मार्च को होगी। मतगणना के बाद हर बूथ पर और क्षेत्र में मिलने वाले वोट का आंकड़ा प्रत्याशियो के पास पहुंच जाएगा। ऐसी स्थित में परिएााम आने के बाद प्रत्याशी क्षेत्र और समाज लेकर वोट दिलाने ठेकेदारो की अहमियत समझ जायेगे। मतगणना में प्रत्याशियो के एजेंट हर बूथ पर उनके प्रत्याशी को मिलने वाले बोट का लेखा जोखा रखेगे। इसके बाद ही पता चलेगा कि किस बूथ पर प्रत्याशी को कितने वोट मिले है। जिन ठेकेदारो ने अपने बूथ और क्षेत्र की जिम्मेदारी ली थी मतगणना के बाद उनकी पोल खुल जाएगी।