पूर्वांचल

15जून को कश्मीर में नरसंहार में मृत हिंदुओ के लिए काशी में विशेष अनुष्ठा,फ़िल्म अभिनेता अनुपम खेर होंगे शामिल

वाराणसी13जून:कश्मीर में हुए नरसंहार में मारे हिंदुओ को अब मोक्ष का अधिकार मिलेगा। भोले की नगरी काशी में इसके लिए खास अनुष्ठान का आयोजन किया गया है। 15 जून यानी बुधवार को काशी के पिचाश मोचन तीर्थ पर इसके लिए विशेष त्रिपिंडी श्राद्ध का आयोजन किया जा रहा है। खास बात ये है कि फिल्म अभिनेता अनुपम खेर खुद इस अनुष्ठान में कश्मीरी ब्राम्हणों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके अलावा इस नरसंहार में अपनों की जान गवाने वाले कश्मीरी पण्डितों के परिजन भी शामिल होंगे।

सामाजिक संस्था आगमन और ब्रह्म सेना के सयुंक्त तत्वावधान में ये त्रिपिंडी श्राद्ध होगा। इस अनुष्ठान में संस्था के संस्थापक डॉ संतोष ओझा मुख्य यजमान होंगे। ये विशेष अनुष्ठान आचार्य श्रीनाथ पाठक उर्फ रानी गुरु के आचार्यत्व में होगा। 9 ब्राह्मण इस अनुष्ठान में शामिल होंगे।

1990 से शुरू हुआ था सिलसिला

बताते चले कि 1990 के दशक से कश्मीर में हिंदुओं खासकर कश्मीरी पंडितों के साथ नरसंहार की शुरुआत हुई थी।इस नरसंहार में साल दर साल सैकड़ो लोगो को मौत के घाट उतारा गया। इस बीच लाखों कश्मीरी पंडितों ने अपनी पूर्वजों के करोड़ो की समाप्ति छोड़ रिफ्यूजी कैम्पों में रहने को मजबूर हो गए।इन्ही अतृप्त आत्माओं की शांति के लिए सामाजिक संस्था आगमन और ब्रह्म सेना ने इस विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया है।

विभिन्न राज्यों के धर्माचार्य और विद्वान होंगे शामिल

इस विशेष अनुष्ठान में काशी सहित विभिन्न राज्यों के धर्माचार्य और विद्वान शामिल होंगे। श्राद्धकर्ता और आयोजन के संयोजक डॉ सन्तोष ओझा ने बताया कि कश्मीर में हुए नरसंहार में सैकड़ो हिन्दू मारे गये। उनमें से न जाने कितने ऐसे परिवार थे जिनका श्राद्ध तक नहीं हुआ। सनातन धर्म के मान्यता के मुताबिक ऐसी अकाल मृत्यु के उपरांत विशेष श्राद्ध अनिवार्य होता है। इसके लिए शास्त्रों में त्रिपिंडी श्राद्ध और नारायण बलि का प्रावधान है। पूरी दुनिया में काशी ही एक मात्र ऐसी जगह है जहां ये अनुष्ठान किया जाता है। ऐसे में मारे गए हिंदुओ के आत्मा की शांति के लिए इसका आयोजन काशी के पिशाचमोचन तीर्थ पर किया गया है।

51 हजार अजन्मी बेटियों के पिता है डॉ संतोष ओझा

22 सालों से आगमन सामाजिक संस्था पेट में पल रही बेटियों को जन्म लेने के अधिकार की आवाज को सामाजिक आंदोलन की तरह चला रही है । पेट में मारी गयी बेटियों के मोक्ष के लिए पिछले आठ सालों से डॉ सन्तोष ओझा काशी में पित्र पक्ष के नवमी तिथि को श्राद्ध करते आ रहे है, अब तक इन बेटियों की संख्या हजारों में है। ऐसे में अब उन कश्मीरी लोगों की आत्मा की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध का करेगी।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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