पूर्वांचल

Uppcl के अनुभवहीन बडका बाबूओ की जागीर पार्ट 6, पर चुनावी सफर का जिम्मेदार कौन?

प्रधान मंत्री के आने से पहले लौटे क्यो पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के नाथ

वाराणसी 2 मार्च : पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंधनिदेशक यानि कि पूर्वांचल के बडकऊ विगत 2 माह की लम्बी छुट्टी के बाद आज विदेश से कौन शिक्षा प्राप्त कर के वापस पधार है इनके पधारने की खबर पा कर डिस्कॉम मुख्यालय में तैनात सुरक्षाकर्मी से लेकर संविदाकर्मियों एवं कार्यदायी संस्था के छोटे बड़े ठेकेदारों के चेहरे पर उम्मीद की एक चमक और खुशी साफ तौर पर देखने को मिली क्योंकि पूर्वांचल के बडकऊ के छुट्टी जाने के बाद से समूचे पूर्वांचल में जबरदस्त आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ जो अभी तक कायम है क्या बडकाऊ का छुट्टी से लौटना एक सोची समझी रणनीती है क्यो कि चुनाव का अन्तिम चरण पूर्वांचल मे ही होना है और इस कारण मुख्यमंत्री से ले कर प्रधान मंत्री तक वाराणसी मे रहेगे और पूरे भारत के सभी मीडिया घरानो की नजर पूर्वांचल पर होगी इसलिए पूर्वांचल के बडकऊ लम्बी छुट्टी से वापस लौट आये कि कही पूर्वांचल की सैकड़ो करोड़ के बकायदारी के बदहाली की कहानी उडते उडते प्रधान मंत्री और दुनियाभर के मीडिया घरानो के सामने ना आ जाए कही इनकी विदेश भ्रमण में अलौकिक प्राप्त करने वाली शिक्षा बारे मे पता न लग जाए और पूर्व के बडकऊ की तरह तो कही कोई अनहोनी ना हो जाए इस डर से तो कही नही बडकाऊ वापस लौटे है, क्यो आने के बाद जनाब ने डिस्कॉम की सुधबुध के बारे मे कुछ भी जानने की जिज्ञासा नही दिखी कि कितना पानी गंगा मे बह गया ! क्यो ना कोई विडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई ना ही कोई बडी मीटिक बस जनाब पधार गये । वैसे हमारे विश्वसनीय सूत्र बताते है कि डिस्कॉम में लगे सुरक्षा कर्मीयो को लगभग 3 माह से वेतन तक नसीब नहीं हुआ इसी तरह संविदाकर्मियों, कम्प्यूटर ऑपरेटर , विभाग में चलने वाली गाड़ियों के ड्राइवर, ठेकेदार सभी भुगतान न मिलने के कारण आर्थिक संकट को झेलने के लिए मजबूर है डिस्कॉम के जिम्मेदार लिकेज के चक्कर लिकेज लगाते देखे जा रहे थे विभागीय अति आवश्यक फाइल लग्जरी गाड़ियों में लेकर कानपुर और राजधानी की परिक्रमा करते हुए धूल फांक कर पूर्वांचल वापस लौटती रही थी और शक्तिभवन वाले सबसे बड़के वाले बाबू खामखा भौकाली वीडियो कांफ्रेंसिंग कर तुगलकी फरमान फरमान सुना कर पूर्वांचल को कंगाल बनाकर लोगो को अपने ईमानदारी के वैभव से डरा कर गरीब और मजबूर कामगारों को आर्थिक तंगी की ओर ढकेलते हुए बगैर इंजन के पूर्वांचल की व्यवस्था की ट्रेन को चलाने को लोगो को मजबूर करते देखे जा रहे है वैसे इन सब का असर चुनाव मे जरूर पडेगा वैसे भी ईआरपी नामक मिस्राइल पर शक्तिभवन वाले बड़कऊ सवार होकर सफर कर रहे हैं और उसी के सहारे लोगो को आर्थिक तंगी की ओर ढकेला जा रहा है पर इसका असर पूर्वांचल के चुनाव में बगैर मुद्दा बने दिखना तय नजर आ रहा है जिसकी जिम्मेदारी भी तय होगी।

परन्तु अब सबकी उम्मीदे पूर्वांचल के लम्बी छुट्टी से लौटे अपने नाथ यानी प्रबंधनिदेशक बडकऊ से है कि विदेश से आराम कर के लौटने की खबर से पथराई आँखों मे आज एक चमक दिखती नजर आयी है कि जैसे प्यासे को पानी की आस परन्तु अब देखना है कि पूर्वांचल के बड़केबाबू कैसे इस संकट को झेल रहे लोगो की उम्मीदों पर खरे उतरते है या फिर यह भी ईरापी बन जाते है समझने वाले समझ गये जो ना समझे वो लिकेज ढूढे ।

खैर

युद्ध अभी शेष है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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