एक झलक

वाह रे उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन वाह,पूरे प्रदेश मे चरमराई विद्युत आपूर्ति लेकिन बडकऊ काटे मौज

लखनऊ 20 जून , पूरे सूबे मे गर्मी अपना प्रचण्ड रूप दिखा रही है और उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन को सभालने वाले अनुभवहीन कृषि विशेषज्ञ बडकऊ अब हाथ पैर मार रहे है लेकिन अब क्या होगा जब चिडिया चुग गयी खेत ।
तो माजरा यह है कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष व प्रबन्ध निदेशक और उसकी सहयोगी वितरण निगमो के प्रबंधनिदेशक सभी अनुभवहीन है किसी के पास ऊर्जा क्षेत्र मे काम करने का पर्याप्त अनुभव ही नही है कोई कृषि विशेषज्ञ है तो कोई विघि विशेषज्ञ तो कोई मात्र स्नातक ही है और बैठ गये है उत्तर प्रदेश के इस महत्वपूर्ण विभाग के शीर्ष प्रबन्धन मे और लगे तानाशाही करने जब इनको पता होता है कि इनको इस क्षेत्र का क ख ग भी नही आता लेकिन अपने को सर्वश्रेष्ठ और सर्वज्ञाता समझने का कीडा इनके दिमाग मे बैठा रहता है तो व्यहवार और फैसले भी वैसे ही तानाशाहीपूर्ण लेते है एक एक निविदाओ को आवंटित करने और निरस्त करने मे छः छः महीने लगा देते है वैसे पाठक खुद ही इतने समझदार है कि लिखने की जरूरत नही कि भ्रष्टाचार हो रहा है चादी के जूते का राज कायम है । एक तरफ माननीय मुख्य मंत्री जी प्रदेश की जनता की चिन्ता मे रोज बैठके कर रहे है कि किस तरह से इस प्रदेश मे बडे बडे उद्योग स्थापित किये जाए कैसे युवाओ को रोजगार उपलब्ध कराया जाए जनता की गरीबी दूर करी जाए वही उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन जो कि इस पूरे प्रदेश मे लगने वाले किसी उद्योग के लिए ऊर्जा की व्यवस्था करने के लिए उत्तरदायी है वहाँ यह अनुभवहीन बडका बाबू लोग बैठ कर तानाशाहीपूर्ण व्यहवार करते है कहावत है कि नाच ना जाने आगन टेढा वो इन पर पूरी तरह से लागू होती है जब सारी योजनाए साल के शुरुवात मे जनवरी से लेकर मार्च तक बना ली जानी चाहिए तो उस वक्त तो जनाब ने जनता से लेकर अभियन्ताओ तक से अपनी कार्यगुजारियो से हडकम मचा रखा था इनके तानाशाहीपूर्ण व्यहवार के कारण एक बडी हडताल/ कार्यबहिष्कार हुआ था और जनाब ने उसी की आड ले कर 3500 सविदा / निविदा कर्मियो को बर्खास्त कर दिया सैकडो अभियन्ताओ व कर्मचारियो को कारण बताओ नोटिस दे दिया बहुत से अनुभवी अभियन्ताओ को मुख्यालय से सम्बन्धित कर दिया और अपने लिए बहुत सारे नियम विरुद्ध सलाहकार रख लिए उनकी सलाह पर कार्य करना आरम्भ कर दिया जिसका परिणाम आज जनता इस प्रचण्ड गर्मी मे भोग रही है इनके कारनामे यही नही रूकते विवरण निगमो के बडका बाबूओ ने निदेशको के भी सारे अधिकारो को मौखिक आदेश पारित कर खत्म कर दिया है वैसे चर्चाए तो यहाँ तक है कि यह वितरण निगमो मे अवैध रूप से नियुक्त बडका बाबू ऊर्जा मंत्री की भी नही सुन रहे है यहाँ तक कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मे प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने बैठक बुलाई तो जनाब बीमारी का बहाना कर के नही आए विभाग को अपनी मनमर्जी से चला रहे है जैसे कि कोई समान की खरीदारी तकनीकी वर्ग से कराई जाती है तो जनाब ने सविदा/ निविदा कर्मियो की आपूर्ती मानव संसाधन से कराने की जगह तकनीकी वर्ग से कराने के तानाशाहीपूर्ण आदेश जारी कर दिए और उसमे शर्ते भी ऐसी कि जैसे कोई मजाक हो । मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाली कम्पनी को तकनीकी अनुभव होना चाहिए जब कि उसमे कार्य करने वाले कर्मचारियो के अनुभव की बात होनी चाहिए लेकिन हम तो बडकऊ है जैसा चाहेगे वैसी शर्ते रखेगे कोई हमारा क्या बिगाड सकता है चाहे हमारे राज मे पूरा प्रदेश अधेरे मे डूब जाए या सारे उद्योग बन्द हो जाए हम तो हम है सर्वज्ञाता है करेगे अपने मन की ज्यादा करोगे तो मुख्य अभियन्ताओ की जगह पर भी बडका बाबूओ को तैनात कर देगे फिर चला लेना प्रदेश।

युद्ध अभी शेष

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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