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ग्वालियर में पत्नी से टॉर्चर पति…:कोर्ट ने कहा- पति से प्रताड़ित पत्नियां तो बहुत देखी हैं, पति लंबे समय बाद परेशान देखा

28नवंबर2021

ग्वालियर में एक अनोखा मामला सामने आया है। इसमें पति, अपनी पत्नी से परेशान है और तलाक की गुहार लगाई है। पति कोर्ट में यह साबित करने में कामयाब भी रहा है। कुटुम्ब न्यायालय ने तलाक का आदेश दे दिया। पर पत्नी तलाक नहीं चाहती है। पत्नी ने तलाक के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पत्नी का कहना है कि वह पति के साथ ही रहना चाहती है। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने तलाक के इस मामले को सुना है। बहस के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि हमने तो पत्नियों को प्रताड़ित होते हुए ज्यादा देखा है पर पति अपनी पत्नी से प्रताड़ित हैं, ऐसा केस लंबे समय बाद देखने में आया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में रखी गई है।

यह है पूरा मामला

ग्वालियर निवासी 29 वर्षीय सपना (बदला हुआ नाम) की शादी भिंड निवासी राजेश (बदला हुआ नाम) के साथ वर्ष 2012 में दोनों परिवारों की सहमति से हुई थी। शादी के कुछ दिन तक सब ठीक रहा, लेकिन उसके बाद महिला और उसके पति में मनमुटाव शुरू हो गया। शादी के 4 साल बाद वर्ष 2016 में दोनों अलग-अलग रहने लगे। इसी साल महिला ने मायके में बेटे को जन्म दिया। पर दोनों के बीच रिश्ते बेटे के जन्म के बाद सुधरने के बजाय और बिगड़ गए।

पति ने बेटे को अपना मानने से ही इनकार कर दिया। बेटे पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया। इधर महिला ने दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा व भरण पोषण के मामले लगा दिए। इस पर पत्नी से प्रताड़ित पति ने भिंड कुटंब न्यायालय में तलाक का आवेदन लगाया। 28 सितंबर 2021 को भिंड के कुटुंब न्यायालय ने पति-पत्नी के बीच तलाक का आदेश दिया था। पति यह साबित करने में कामयाब रहा कि वह पत्नी से प्रताड़ित था। इस कारण साथ रहना नहीं चाहता है।

DNA रिपोर्ट में पति का ही निकला बेटा

कुटुंब न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान बेटे पर उठे सवालिया निशान को साफ करने के लिए बच्चे और उसकी मां-पिता के DNA टेस्ट भी कराए। जब रिपोर्ट आई तो उससे साबित हुआ कि यह बच्चा महिला के पति का ही है। इसके बाद एक विवाद कोर्ट में ही खत्म हुआ। पर उसके बाद भी पति अपने ऊपर होने वाली प्रताड़ना को साबित करने में सफल रहा। उसने बताया कि पत्नी उसे मानसिक और शाीरीरिक रूप से टॉर्चर करती है।

हाईकोर्ट पहुंची पत्नी, कहा मुझे पति के साथ रहना है

भिंड कुटुंब न्यायालय के तलाक के आदेश पर पत्नी ने तलाक के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। पत्नी की ओर से तर्क दिया गया है कि वह तलाक नहीं चाहती है और पति के साथ रहना चाहती है। इसलिए तलाक के आदेश को निरस्त किया जाए। कोर्ट ने इस अनोखे मामले को गंभीरता से सुना है। साथ ही बहस के दौरान कहा कि पति से प्रताड़ित पत्नियां बहुत देखी हैं, लेकिन पत्नी से प्रताड़ित पति का केस लंबे समय बाद सामने आया है। कोर्ट ने पति से सवाल किया कि पत्नी ने कितने केस दर्ज करा रखे हैं। जवाब मिला कि दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा व भरण पोषण के केस चल रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि अब संबंध तो स्थापित नहीं हो सकते। लेकिन भरण पोषण तो हम दिला सकते हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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