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कुम्भकर्णी नींद से जागा अभियंता संघ,प्राकृतिक आपदा में अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य करने वाले अभियंताओं का निलंबन निरस्त करने की मांग

लखनाऊ 25मई:प्रबंधन द्वारा दिनांक 23मई को प्रदेश में आए तेज आंधी तूफान व बारिश जैसी प्राकृतिक आपदा के कारण विधानसभा परिसर की विद्युत आपूर्ति में व्यवधान होने के कारण अनुचित तरीके से निलंबित किए गए अभियंताओं व अन्य कार्मिकों के निलंबन निरस्त करने की मांग करते हुए अभियंताओं ने इसे मनोबल गिराने वाली कार्यवाही बताया है।

विद्युत अभियन्ता संघ के महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि आज प्रबंध निदेशक, पारेषण निगम व अध्यक्ष, पावर कॉर्पोरेशन से मिलकर पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए कार्यवाही को अन्यायपूर्ण बताते हुए विरोध दर्ज कराया गया तथा सभी अभियंतों के मनोबल पर पड़े विपरीत प्रभाव व रोष  से अवगत कराया गया। बिजली अभियंताओं ने बताया कि अपराह्न 12ः00 बजे आये तेज आंधी-तूफान एवं बारिश में वोल्टेज फ्लकचुयेशन के कारण तकनीकी सुरक्षात्मक उपाय के चलते सदन में 5-6 सेकेण्ड के लिए विद्युत व्यवधान हुआ। आप अवगत ही हैं कि प्रदेश में दिनांक 23.05.2022 को अपराह्न 12ः00 बजे आये तेज आंधी-तूफान एवं बारिश में पेड़ गिरने, होर्डिंग गिरने जैसी तमाम घटनायें हुई हैं, उसी क्रम में मार्टिनपुरवा पारेषण उपकेन्द्र में भी तकनीकी कारणों से अत्यन्त अल्प समय के लिए विद्युत व्यवधान हुआ जिसे सम्बन्धित अधिकारियों एवं कार्मिकों ने युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए विद्युत आपूर्ति सामान्य कर ली। अभियन्ताओं पर जान-बूझ कर बिजली बंद करने का आरोप निराधार एवं असत्य है।

यह भी संज्ञान में लाना है कि उपकेन्द्र पर प्रशिक्षित नियमित स्टाफ की कमी के कारण कार्य हित में संविदा पर स्टाफ उपलब्ध कराया गया है इससे कहीं न कहीं कार्य क्षमता प्रभावित होती है। यह भी संज्ञानित कराना है कि आकस्मिक घटनाओं से ग्रिड तथा बिजली उपकरणों को बचाने हेतु तकनीकी रूप से कतिपय सुरक्षात्मक उपाय किये जाते हैं जो आंधी-तूफान आदि जैसी आपदाओं में स्वतः ऑपरेट करती हैं। यद्यपि सामान्य घटनाओं में भी अभियन्ताओं का पूर्ण ध्यान बिजली उपकरणों की सुरक्षा के साथ-साथ अत्यन्त अल्प समय में विद्युत आपूर्ति बहाल किये जाने पर रहता है तथापि प्राकृतिक आपदाओं में इस पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य किया जाता है। मार्टिनपुरवा पारेषण उपकेन्द्र के अभियन्ताओं एवं अन्य कार्मिकों द्वारा इस प्राकृतिक आपदा में अपनी जान जोखिम में डालकर मात्र 07 मिनट में विद्युत आपूर्ति बहाल किये जाने का जो कार्य किया गया वह अत्यन्त सराहनीय है। खेद का विषय है कि प्राकृतिक आपदा में अभियन्ताओं एवं अन्य कार्मिकों द्वारा किये गये सराहनीय तकनीकी कार्यों को किये जाने पर प्रोत्साहन देने की बजाय निलम्बन जैसी कार्यवाही की गयी है जो न्यायसंगत नहीं है तथा इससे प्रभावित अभियन्ताओं के साथ-साथ अन्य अभियन्ताओं के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

बिजली अभियन्ताओं ने प्रबन्धन एवं सरकार से प्राकृतिक आपदा में की गयी कार्यवाही निरस्त करने की मांग की है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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