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न्यायपूर्ण समाज की स्थापना तभी संभव होगी जब महिलाओं की न्यायपालिका में भागीदारी बढ़ेगी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

प्रयागराज11सितंबर: देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं के चैंबर एवं पार्किंग के लिए मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का शिलान्यास किया। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और अधिवक्ता चैंबर का शिलान्यास करके काफी प्रसन्नता हुई है। उन्होंने कहा कि जजों की संख्या की दृष्टि से इलाहाबाद हाई कोर्ट सबसे बड़ा कोर्ट है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की परंपरा, मदन मोहन, मोतीलाल, कैलाशनाथ काटजू आदि ने इसी कैंपस से भारत इतिहास के गौरवशाली इतिहास लिखे गए है। रामनाथ कोविंद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में 33 में चार महिलाएं जो सबसे अधिक हैं। महिलाओं में न्याय प्रकृति सबसे ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि उनमें सबको न्याय देने में क्षमता होती है। न्यायपूर्ण समाज की स्थापना तभी संभव होगी जब महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। आज 12 प्रतिशत से भी महिला जजों की कम हैं। महिलाओं की संख्या को बढ़ाना होगा। इस हाईकोर्ट में महिलाओं की संख्या अधिवक्ता, अधिकारी और न्यायाधीश के रूप में बढ़ेगी एसी अपेक्षा है।

राष्ट्रपति अपने विशेष विमान से 10.30 बजे बम्हरौली एयरपोर्ट पर उतरें थे। वहां से वह हेलीकॉप्टर द्वारा पोलो ग्राउंड पहुंचें। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी पटेल व प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक भी मौजूद रहे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के कई अन्य जज भी कार्यक्रम में शामिल हुये।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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