विद्युत विभाग:भ्रष्ट दोषी अवर अभियंताओ की कुंडली पहुँची चेयरमैन के दरबार मे,दोषी सहायक अभियंता का 8 वर्षो से राजस्व पर कब्जा,आका मेहरबान,दबा रखी जांच रिपोर्ट
पार्ट 1
वाराणसी 30 मार्च:सरकार की मंशानुरूप ऊर्जा प्रबंधन द्वारा उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन लेने में आसानी औऱ भ्रष्टाचार पर लग़ाम लगाने के लिए झटपट पोर्टल बनाया जिसमे चरणबद्ध/समयबद्ध तरीके से अवर अभियंता, सहायक अभियंता औऱ अधिषासी अभियंताओ को निरुद्ध करते हुए एक समय-सीमा के अंदर उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने की पारदर्शी प्रक्रिया निर्धारित की,जिसका ऊर्जा प्रबंधन औऱ डिस्काम प्रबंधनो द्वारा प्रतिदिन अनुश्रवण किया जाता है।
इसके बावजूद कनेक्शन लेने में उपभोक्ताओं का उत्पीड़न कम नही हुआ।जिम्मेदार कर्मचारियो/अधिकारियों द्वारा झटपट पोर्टल को ही कमाई का पोर्टल बना दिया है। उपभोक्ता द्वारा आवेदन करते ही पोर्टल पर प्रारंभिक जाँच से लेकर कनेक्शन देने तक की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता के साथ उपभोक्ताओं का उत्पीड़न किया जाता है। जो उपभोक्ता उत्पीड़ित हुआ उसका तमाम कमियों के बावजूद कॉर्पोरेशन नियमो को दरकिनार कर कनेक्शन दिया गया, जो उपभोक्ता उत्पीड़ित नही हुआ उसपर तमाम कमियों के बोझ औऱ कार्पोरेशन नियमो के तहत प्राक्कलन औऱ क्वरी।
झटपट पोर्टल बना झंझट पोर्टल,बनाया कमाई पोर्टल
जागरूक उपभोक्ताओं का कहना है कि झटपट पोर्टल पर TFR रिपोर्ट औऱ फिसिबिल्टी रिपोर्ट के नाम पर अवर अभियंता औऱ सहायक अभियंता संयुक्त रूप से लाखों की कमाई करते है।
पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम के ग्रामीण मंडल,वाराणसी औऱ ग़ाज़ीपुर मंडल के श्री नागेन्द्र सरोज औऱ श्री चित्रसेन अवर अभियंताओं के द्वारा झटपट पोर्टल पर उपभोक्ताओं के द्वारा किये गए विद्युत कनेक्शन के आवेदन के बाद कारपोरेशन नियम विरुद्ध कार्य कर बाँस बल्ली पर कनेक्शन देने,विभाग को वित्तीय हानि पहुचाने औऱ घूस न मिलने पर गलत प्राक्कलन बनने में जांच अधिकारी औऱ जाँच समिति द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद भी कोई दंडात्मक कार्यवाही न करने औऱ जाँच रिपोर्ट को दबाए जाने का मामला पूर्वान्चल से अब UPPCL चैयरमैन के टेबल पर पहुँच गया।
पहले प्रकरण में बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रूपइया,आका भ्रष्टाचार के तम्बू में बम्बू लगाये बैठे
विद्युत वितरण मंडल,वाराणसी के वितरण खण्ड-द्वितीय, बरईपुर में श्री नागेन्द्र सरोज,अवर अभियंता औऱ श्री सतीश कुमार सिंह को जाँच अधिकारी द्वारा जांचोपरांत विभागिय नियमो के विरुद्ध कार्य करने और विभाग को लाखों की हानि पहुचाने के दोषी करार कर अवर अभियंता को निलंबित कर विभागहित कार्यवाही करने औऱ सहायक अभियंता को जांच प्रभावित करने के लिए अन्यत्र स्थानांतरित करने की रिपोर्ट को अपने अधीक्षण अभियंता को सौप दी,तब से जाँच रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता के पटल पर दबी पड़ी है,न तो कोई कार्यवाही हूई, न तो जांच रिपोर्ट मुख्य अभियंता को भेजी गई।
जांच प्रभावित करने के दोषी श्री सतीश कुमार सिंह,सहायक अभियंता द्वारा सभी को अपने वित्तीय प्रभाव में ले कर पिछले 8 वर्षों से उसी खंड में सहायक अभियंता,राजस्व के पद पर बने है,वर्तमान में सहायक अभियंता, रोहनियां उप-खंड के पद पर नियुक्ति करवा का ज़नाब सहायक अभियंता, राजस्व का अतिरिक्त प्रभार भी ले रखा है।
दूसरे प्रकरण में कुछ न कर पाओगे,ऊपर से नीचे तक हमे ही पाओगे,शिकायत की तो कनेक्शन न पाओगे
दूसरे मामले में श्री चित्रसेन, अवर अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड-द्वितीय, ग़ाज़ीपुर के द्वारा 40,000 रु० घूस न मिलने पर उपभोक्ता के PTW कनेक्शन को वास्तविक दूरी से ज्यादा दूरी दिखा कर ग़लत प्राक्कलन बना कर थमा दिया, शिकायत पर 2 सदस्यों की जाँच समिति ने जांच में अवर अभियंता को दोषी पाया औऱ दोषी क़रार कर जाँच रिपोर्ट प्रबंधन को कार्यवाही के लिए सौप दी पर प्रबंधन द्वारा कोई कार्यवाही न कर उल्टे जाँच रिपोर्ट को दबाए रखा है। उधर शिकायत करने के परिणाम स्वरूप शिकायतकर्ता किसान को आज तक कनेक्शन नही दिया गया। अवर अभियंता साहेब विभागहित में वही पर जम कर अपनी सेवाएं ले रहे है।
भ्रष्टाचार पर UPPCL चेयरमैन का रुख़ सख्त
पूर्वान्चल प्रबंधन द्वारा आज तक कोई कार्यवाही न करने पर दोनों विशेष मामले चेयरमैन के पटल पर पहुँच गए,देखना होगा कि भ्रष्टाचार पर सख्त रुख़ रखने वाले चेयरमैन इन विशेष मामलों में सख्ती दिखाते है या नरमी?
उपभोक्ता की आवाज़ उपभोक्ता के साथ
ज्ञात हो इस प्रकार से उपभोक्ताओं को प्राक्कलन बना कर,लूटने के नाम पर उपभोक्ता की आवाज ने ऐसे कई मामलों को प्रमुखता से उठाया है,प्रबंधन द्वारा मामलों की जाँच कराई गई,जांचोपरांत कई अवर अभियंताओ/सहायक अभियंताओ को दोषी पाते हुए उनपर निलंबन औऱ अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई।
भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारीयो के विरुद्घ युद्ध अभी शेष है ।