बेटियों ने दी दादी को अंतिम विदाई
काशी की बेटी साक्षी
वाराणसी4नवंबर: काशी धर्म,संस्कृति एवं परंपरागत तरीके से यहाँ का दस्तूर चलता है। इस शहर में हर बार कुछ नया और कुछ लीक से हटकर कार्य दिखाई देता है। ऐसा ही कुछ गुरुवार को दिखा। जहाँ खोजवाँ कश्मीरीगंज निवासी रामप्यारी ओझा (96) का ओल्ड एज के कारण निधन हो गया। निधन की जानकारी होते ही परिवार में कोहराम मच गया साथ ही परिचितों की भीड़ उनके आवास पर जुटने लगी। इस दौरान एक बड़ी खास बात सामने आयी।
अंतिम विदाई के दौरान पोती साक्षी और तनु ने अपनी दादी रामप्यारी को कंधा देते हुए अंतिम संस्कार के लिए घाट पहुँचाया साथ ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी होने में भागीदारी की। ऐसा देख लोगों में चर्चा का विषय बना रहा की नयी दौर की बेटियों ने आज मिसाल कायम कर दिया। रामप्यारी को मुखाग्नि संजय ओझा ने दी। रामप्यारी ने एक बेटी और चार बेटों का सम्पन्न परिवार छोड़ कर चली गई। जिसमे डॉ विनोद ओझा, अरुण ओझा, आगमन संस्थापक सचिव डॉ सन्तोष ओझा, सी.ए संजय ओझा एवं ओझा परिवार को छोड़कर चली गई। रामप्यारी ओझा ने अनेकों समाज के हित में कार्य किया था। जिसमे एक महान कार्य नेत्रदान भी शामिल हैं।