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कोयले की कमी, बढ़ता पारा और बिजली की रिकॉर्ड मांग: इधर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने सरकार से की बिजली सप्लाई की मांग- नहीं तो बंद करनी पड़ेंगी फैक्ट्रियां

3मई2022

गुरुग्राम: देशभर में भीषण गर्मी का कहर जारी है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश समेत देश के तमाम राज्यों में अघोषित बिजली कटौती आग में घी डालने का काम कर रही है. देश के तमाम हिस्सों में हो रही बिजली कटौती के पीछे कोयले की कमी को प्रमुख वजह माना जा रहा है. अब बिजली कटौती से न सिर्फ जनता बल्कि कारोबारी और व्यापारी भी परेशान हो रहे हैं. गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन का कहना है कि अघोषित बिजली कटौती से भारी नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं एसोसिएशन ने स्पेशल पावर सप्लाई की मांग की है, ताकि उनके उद्योग चल सकें. साथ ही एसोसिएशन की ओर से बिजली की निश्चित दरों में भी कटौती की मांग की है.

इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने देश में बढ़ रहे बिजली संकट पर अहम बैठक बुलाई है जो कुछ देर में शुरू होने वाली है. मीटिंग में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी आदि अधिकारी शामिल होंगे. दूसरी तरफ गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चीफ जेएन मंगला ने कहा, इन उद्योगों में मशीनों को बिना रुके चलना होता है. लेकिन बिजली कटौती के चलने से मशीनें रुक जाती हैं, इसके चलते हमें नुकसान उठाना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा, औसतन हर रोज 11-11 घंटे की कटौती की जा रही है. इससे खासकर छोटी यूनिट को चलाना लगभग असंभव हो गया है. उन्होंने बताया कि एसोसिएशन से कहा गया है कि बिजली की स्थिति 15 मई के बाद ठीक होगी. मंगला ने कहा, कई उद्योग 15 दिन तक ऐसी स्थिति का सामना नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, न सिर्फ उद्योग बल्कि आईटी कंपनियां जो रात में अपने विदेशी क्लाइंट के लिए काम करती हैं, उन्हें भी इस स्थिति का सामना करने में काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि उद्योगों से बिजली बिल के अलावा 15,000 रुपए फिक्स्ड चार्ज के तौर पर वसूला जाता है. लेकिन अगर बिजली नहीं आ रही है, तो इसे नहीं लिया जाना चाहिए.

हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने बिजली संकट के लिए बीजेपी-जेजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, वर्तमान सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है. सरकार अदूरदर्शिता का परिणाम है कि राज्य आज बिजली संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने फरीदाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, हरियाणा के लोग बिजली संकट की वजह से परेशानी में हैं. उन्होंने कहा, यही वजह है कि आज का ये कार्यक्रम बिजली संकट के खिलाफ रैली में तब्दील हो गया है. भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा, कांग्रेस सरकार में राज्य में चार पावर प्लांट और 1 न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना की गई थी. हम हरियाणा में बिजली की उपलब्धता को 4,000 से 11000 MW तक ले गए थे. हरियाणा में अभी सिर्फ 8,000-8,500 MW की मांग है, लेकिन सरकार 8 साल सत्ता में रहने के बाद भी इस मांग को पूरा नहीं कर पा रही है.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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