राजनीति

ज्ञानवापी पर सियासत तेज : CM योगी के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया पलटवार

लखनऊ31 जुलाई :ज्ञानवापी मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू देते दौरान कहा है कि नागिन बन गया दिवारे चिल्ला-चिल्ला कर कह रही है कि वह मस्जिद नहीं मंदिर है. जिसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सीएम योगी न्यायालय से ऊपर नहीं है, ज्ञानवापी मस्जिद में अभी भी पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है.

सीएम योगी के बयान के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ‘ज्ञानवापी मस्जिद है इसलिए ज्ञानवापी का मामला उच्च न्यायालय में है अगर ज्ञानवापी मंदिर होता तो न्यायालय में यह प्रकरण जाता ही नहीं. विवाद की शुरुआत यहीं से हुई है कि वह ज्ञानवापी मस्जिद है पांच वक्त की अभी भी उसमें नमाज पढ़ी जाती है और जब तक उच्च न्यायालय का जब तक निर्णय नहीं आ जाता तब तक वह ज्ञानवापी मस्जिद है इसको कोई इंकार नहीं कर सकता. मुख्यमंत्री उच्च न्यायालय से बड़े नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को न्यायपालिका के सम्मान में इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह भी कहा कि चुनाव को लेकर कोई बात नहीं कर रहा हूं जहां तक बात हिंदू और बौद्ध धर्म की है तो या दोनों की अलग-अलग है अगर हिंदू और बौद्ध धर्म एक होते तो बौद्ध मठ को तोड़कर मंदिर नहीं बनाया जाता. इसी देश में राष्ट्रपति को मंदिर में प्रवेश के लिए रोक गया और अखिलेश यादव के 5 कालिदास मार्ग स्थित आवास छोड़ते समय उसकी धुलाई की गई. यह एक जाति विशेष का धर्म है. बीजेपी वाले दलितों और पिछड़ों का अपमान करते हैं. दुनिया में भारत की पहचान बुद्ध से है इसलिए प्रधानमंत्री बुद्ध की बात करते हैं. ये बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म को एक बताते हैं तो बौद्ध मठ तोड़कर मंदिर क्यों बनाए जाते. न्यायालय का आदेश सभी को मानना चाहिए. नेशन फर्स्ट की बात करने वाले ही ऐसे विवादों को जन्म देते हैं.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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