भाजपा को जीतकर भी हुआ बड़ा नुकसान, अखिलेश हार कर भी जीते, जाने कैसे
11मार्च2022
उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज का दिन सबसे बड़ा है। सूबे में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब भारतीय जनता पार्टी लगातार अपनी दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश के नया इतिहास बनाया है। ऐसे में एक बार फिर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के तौर पर कुर्सी संभालने जा रहे हैं। बीजेपी उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है, तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी भी कड़ी टक्कर के बाद बड़ी पार्टी साबित हुई है, लेकिन यूपी जीतकर भी भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है, अखिलेश यादव हार कर भी चुनाव जीते है, जानिए कैसे?
उत्तर प्रदेश में 250 से ज्यादा सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है। गोरखरपुर शहर से योगी आदित्यनाथ ने 1 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की है। सूबे में बीजेपी कार्यकर्ता जश्न में डूबे हैं। लेकिन इस जीत में भी बीजेपी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है और हार भी समाजवादी पार्टी को फायदा पहुंच रही है, क्योंकि सपा 130 सीटों पर आगे चल रही है। चुनाव चाहे बीजेपी जीत रही हो, पिछले 2017 के चुनावों के मद्देनजर बीजेपी को सीटों के मामलों में घाटा हुआ है, जबकि सपा को फायदा मिला है।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों दलों ने कुल 403 सीटों में से 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बीजेपी ने 384 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें उसे 312 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन इस बार वो करिश्मा होता नजर नहीं आ रहा, क्योंकि 2017 में 47 सीटों पर सिमटी सपा ने इस बार अपना आंकड़ा बदला है और मजबूर विपक्ष के तौर पर खुद को यूपी में साबित किया है। ऐसे में साफ हो गया कि यूपी में में योगी आदित्यानाथ की जीत हुई है, लेकिन अखिलेश की हार नहीं हुई।
भाजपा को लगभग 50 सीटें का नुकसान हो रहा है, जबकि सपा की लगभग 75 सीटों का फायदा। ऐसे में यह साफ हो गया कि चार मुख्य पार्टी में बंटे यूपी में इस बार दो दलों की टक्कर साबित हुई है। यानी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए इस बार स्वस्थ बैलेंस स्थापित हुआ है, एक तकफ स्पष्ट बहुमत की सरकार और दूसरी तरफ मजबूत विपक्ष।