राजनीति

भाजपा में जा सकते है शिवपाल,इन बातों से मिल रहे संकेत

31मार्च2022

लगातार उपेक्षा से आहत प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इसकी अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। चर्चा है कि शिवपाल यादव ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुकाकात की थी, उसके बाद शिवपाल यादव बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। सीएम योगी और शिवपाल यादव की इस मुलाकात के बाद से सियासी गलियारे में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। सूत्र बताते हैं कि इटावा से दिल्ली जाने के दौरान शिवपाल ने पूर्व विधायक हरिओम यादव से भी मुलाकात की थी। वहीं, शिवपाल सिंह यादव गुरुवार की सुबह राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम में पहुंचे। माना जा रहा है कि जल्द ही शिवपाल यादव बड़ा एलान कर सकते हैं। आपको बता दें कि विधानसभा में विधायक पद की शपथ लेने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।

उन्होंने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है। यह भी कहा कि वक्त आने पर बोलेंगे। शिवपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट हुई है। भविष्य के फैसले पर कहा कि वक्त आने पर इसका खुलासा करेंगे। शिवपाल के इस रहस्यमयी बयान से सियासी हलके में चर्चा का दौर शुरू हो गया है।

सूत्र बताते हैं कि इटावा से दिल्ली जाने के दौरान शिवपाल ने पूर्व विधायक हरिओम यादव से भी मुलाकात की थी। हरिओम रिश्ते में उनके समधी हैं और सपा से नाता तोड़कर भाजपा में चले गए हैं।

सियासी गलियारे में इस मुलाकात को भविष्य में होने वाले विधान परिषद और राज्यसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। फिलहाल इस हलचल के बीच भाजपा और सपा के नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के बेटे रणवीर सिंह यादव की शादी हरिओम यादव के भाई राम प्रकाश नेहरू की बेटी मृदुला यादव के साथ हुई है। हरिओम यादव मृदुला के चाचा हैं और मृदुला सैफई की ब्लॉक प्रमुख और पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव की मां हैं।

हरिओम यादव का जन्म फिरोजाबाद जिले में हुआ था। उन्होंने नारायण कॉलेज से कला स्नातक की उपाधि ली। हरिओम यादव सिरसागंज से विधायक रह चुके हैं। वह समाजवादी पार्टी के सदस्य के रूप में सिरसागंज निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

सपा के साथ गठबंधन करने के बाद शिवपाल को उम्मीद थी कि उनकी पार्टी के नेताओं को भी टिकट मिलेगा। उन्होंने करीब 25 नेताओं की सूची अखिलेश यादव को सौंपी। यह कहा कि जो भी जिताऊ हों, उन्हें टिकट दे दें। लेकिन सपा ने सिर्फ उन्हें ही टिकट दिया।

ऐसे में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रसपा के कई नेता दूसरे दलों में चले गए। लेकिन, ज्यादातर उनके साथ जुड़कर चुनाव अभियान में उतरे। इसके बाद भी विधायक मंडल दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने को वे अपनी उपेक्षा के तौर देख रहे हैं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *