वसंत पंचमी पर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का चढ़ेगा तिलक, शहनाई की मंगल ध्वनि के बीच निभाई जाएगी परंपरा
वाराणसी 13फरवरी :बसंत पंचमी बुधवार को बाबा विश्वनाथ के तिलक का उत्सव टेढ़ीनीम स्थित विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर होगा।
लोकमान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर शिव-विवाह के पुर्व बंसत पंचमी पर भगवान शिव का तिलकोत्सव किया गया था। काशीवासी परंपरानुसार तिलक की रस्म पूरी करते है। गुरूवार को महंत आवास पर भोर में मंगला आरती के बाद परंपरानुसार दिनभर तिलकोत्सव के लोकाचार संपादित होगें। ब्राह्मणों द्वारा चारों वेदों की ऋचाओं के पाठ के साथ बाबा का दुग्धाभिषेक कर विशेष पुजनोपरांत फलाहार के साथ विजयायुक्त ठंडाई का भोग अर्पित किया जायेगा। इस दौरान महिलाओं द्वारा मंगल गीत होगा। सायंकाल भक्तों को बाबा विश्वनाथ (राजसी-स्वरूप) दूल्हा स्वरूप में दर्शन देगें। सायंकाल काशीवासी परंपरानुसार शहनाई की मंगल ध्वनि और डमरुओं के निनाद के बीच तिलकोत्सव की रस्म पूरी करेगें। महंत डॉ.कुलपति तिवारी के सानिध्य में तिलकोत्सव की रस्म पूरी की जाएगी।
महंत डॉ कुलपति तिवारी ने बताया बसंत पंचमी बुधवार को सायंकाल बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत प्रतिमा का तिलकोत्सव टेढीनिम महंत आवास पर होगा। बंसत पंचमी पर तिलकोत्सव के पुर्व भोर 04:00 से 04:30 बजे तक बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत मूर्ति की मंगला आरती के साथ आयोजन की शुरुआत होगी। 06:00 से 08:00 बजे तक ग्यारह वैदिक ब्राह्मणों द्वारा चारों वेदों की ऋचाओं के पाठ के साथ बाबा का दुग्धाभिषेक करने के बाद बाबा को फलाहार का भोग अर्पित किया जायगा। दोपहर भोग आरती के बाद बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा का विशेष राजसी श्रृंगार के बाद सायंकाल 5:00 बजे से प्रतिमा का दर्शन श्रद्धालुओं को होगा। 7:10 बजे लग्नानुसार बाबा का तिलकोत्सव किया जायगा।