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विद्युत विभाग:अराजनैतिक कर्मचारी संघठन पर चढ़ा राजनैतिक रंग,बैनर हुआ वायरल,विभाग में चर्चाओ का बाज़ार गर्म,कर्मचारी भावनाओं औऱ जायज़ माँगो की अर्थियो पर नंगा नाच

वाराणसी/लखनऊ 8 अप्रैल:सरकारी विभागों में कर्मचारियों के लिए बनने वाले ट्रेड यूनियनों,संगठन/संध यू तो अपने आप को अराजनैतिक संगठन के रूप में प्रस्तुत करते रहे है कालांतर में सभी ट्रेड यूनियनों के द्वारा विभाग एव कर्मचारियों के हितों के लिए सरकार/प्रबंधन से लड़ने झगड़ने के लिए प्रतिबद्ध रहने औऱ सरकार की ग़लत नीतिओ के विरोध में अपने कार्यक्रम करती रही है पर धीरे-धरी ट्रेड यूनियनों में भी राजनैतिक नीतिओ से प्रभावित हो राजनैतिक दलों के रूप में कर्मचारी संगठनों/संधो के नाम पर पनपने लगी और सत्ताधारी दलों से सांठगांठ कर औऱ उनसे नजदीकियां बड़ा कर उनकी नीतियों पर चलने लगी औऱ अपनी महत्वाकांक्षाओ के चक्कर मे कर्मचारियो की मांगों पर समझौता करने से भी नही चूके।
इसी तरह का मामला उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में भी देखने को मिल रहा है जहाँ पर एक कर्मचारी ट्रेड संगठन पर राजनैतिक रंग चढ़ने की खबर से चर्चाओं का बाजार गर्म है।
*संघर्ष समिति को दिया धोखा,कहते कुछ करते कुछ*
पड़ताल करने पर विभागीय कर्मचारियो के अनुसार ये संगठन हमेशा से अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओ से प्रेरित रहा पर कभी खुल कर इसका इजहार नही कर सका। कर्मचारियो का कहना है की वर्ष-2000 की हड़ताल के दौरान 2-3 संगठनो की गद्दारी की वजह से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन का विघटन हो गया तब,ग़द्दारी के इनाम स्वरूप इन संगठनों के कुछ चहेतों को निगमो में निदेशक के पर औऱ विदेशों की सैर करने के इनामों से सरकार ने पुरुस्कृत किया तब से इन संगठनों से संघर्ष समिति ने दूरी बना ली थी। पर इनके कर्मचारियो के प्रति घड़ियाली आंशू से प्रभावित हो कर संघर्ष समिति ने कर्मचारियो की भावनाओं के दृष्टिगत इनको माफ़ कर दिया था।
कर्मचारियो का यह भी कहना है कि वर्तमान में भी इसी संगठन ने फिर ग़द्दारी की जिसकी वजह से संघ समिति की हड़ताल के दौरान की मीटिंगों की पल पल की खबरे सरकार/प्रबंधन तक पहुचती रही,इस संगठन ने एक बार फिर संघर्ष समिति को धोखा दिया है जो कर्मचारियों की भावनाओं,उनकी जायज़ माँगो के साथ भी धोखा है।
हड़ताल के दौरान सरकार/प्रबंधन ने प्रेसवार्ता के दौरान इन संगठनों का नाम ले कर बताया भी था कि ये संगठन हमारे साथ है औऱ इनका घन्यवाद भी किया,पर संगठन के इनके नेता दूसरे दिन सरकार/प्रबंधन के वक्तव्य का खंडन कर संघर्ष समिति में रहने की बात दोहराते रहें।
वायरल बैनर पर कर्मचारियो ने कहा आज हो रहे इनके 24वे अधिवेशन के बैनर औऱ पोस्टरो से इनकी ग़द्दारी की पोल खोल दी है। कर्मचारियो में चर्चा है कि यह संगठन इस बार की हड़ताल में भी आस्तीन के सांप* की भूमिका में रही *कर्मचारियो के प्रति इनका प्रेम घड़ियाली आँसू से कम न थे, इनका अधिवेशन कर्मचारियो की जायज़ माँगो की अर्थियो पर नंगा नाच* के बराबर है। वायरल बैनर से इस संगठन का चाल, चरित्र औऱ चेहरा कर्मचारियो में बे नक़ाब हो गया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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