विद्युत विभाग: अधीक्षण अभियंता औऱ अधिषासी अभियंता की विजलेंस जांच: विभाग ने दिया था अभयदान: खुलेगी भ्रष्टाचार की परत दर परत
वाराणसी 24मई: पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम की जानपद इकाई में व्याप्त भ्रष्टाचार औऱ जानपद के अधिकारियो की मनमानियों की कहानियों पिछले 5 वर्षों से सुर्खियों में रही। वाराणसी जानपद इकाई के भ्रष्टाचार की हर एक कहानी को फाइलो में दफ़न करने और हर एक भ्रष्टाचार के मामले को विभागीय कार्यवाही के नाम पर पूर्वान्चल डिस्कॉम से लेकर कारपोरेशन मुख्यालय तक फाइलो को दौड़ाने औऱ अंत मे आरोप मुक्त कर जानपद इकाई में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के प्रयासों के कारण भ्रष्टाचार का मामला अब उत्तर प्रदेश की सतर्कता विभाग के हाथों में पहुँच चुका है।
उल्लेखनीय है की वाराणसी के जानपद इकाई में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतें विभागीय कर्मचारियों,उपभोकताओ औऱ विभागीय ठेकदारों ने पूर्वान्चल डिस्कॉम के साथ ऊर्जा प्रबंधन एव शासन-प्रशासन तक कर रखी थी जिनमे तत्कालीन अधीक्षण अभियंता कृष्ण मोहन राव औऱ अधिषासी अभियन्ता शत्रुघ्न राम की तमाम भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायत हूई थी।
काली कमाई के दम पर हो जाते थे बरी,खूब चलता था चांदी का जूता
कृष्ण मोहन राव, अधीक्षण अभियंता औऱ शत्रुघ्न राम,अधिषासी अभियन्ता की भ्रस्टाचार के तमाम मामलों को विभागीय कार्यवाही के नाम पर गुमनामी में धकेल दिया गया तो कुछ मामलों में आरोपो से बरी कर दिया गया जिनमे पूर्वान्चल डिस्कॉम से लेकर कारपोरेशन मुख्यालय तक के अधिकारियों/कर्मचारियों को चांदी के जूते से मुंह सुजाया या पोटलियों से तौल गया।
एक मामले में तो कारपोरेशन मुख्यालय से जाँच अधिकारी बन कर आये अधीक्षण अभियंता ने मौके पर भ्रष्टाचार को पकड़ा परन्तु चांदी की पोटली मिलते ही शक्ति भवन पहुँच कर सारी रिपोर्ट बदल दी इतने बड़े भ्रष्टाचार को दबाने में ज़नाब को अधीक्षण अभियंता से मुख्य अभियंता बना दिया औऱ वाराणसी जानपद क्षेत्र में तैनाती मिल गई यंहा आते ही ज़नाब भी भ्रष्टाचार की गंगा में गोते लगाने लगे।
कहावत है बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी
कृष्ण मोहन राव औऱ शत्रुघ्न राम के विरुद्ध जब विभाग के ही अधिकारी/कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार करने की लिखित शिकायत उच्चाधिकारियों को की जाने लगीं तब इनकी किये गए करनोमो से विभाग में इन दोनों भ्रस्टाचारिओ के आकाओं ने इनको बचाने की कमान संभाल ली,कुछ मामलों को पूरी तरह बंद कर दिया गया तो कुछ मामलों में 1-2 वेतनवृद्धि रोक अंत मे कृष्ण मोहन राव के सेवा निवृत पर पेंशन से कुछ प्रतिशत कटौती की गई।
शिकायतकर्ता अधिकारी को चेतावनी देते हुए उसको चुप करा दिया गया।
विभाग से मिले अभयदान के बाद शासन ने दोनों अभियंताओ के भ्रष्टाचार की जांच अब पहुँची उत्तर प्रदेश सतर्कता इकाई।
अपने पद के दुरुपयोग एव अनियमितता औऱ राजकीय धन के अपव्यय के आरोपो की जांच वाराणसी की सतर्कता इकाई को सौंपी गई है*
वाराणसी की सर्तकता इकाई ने जांच प्रारंभ करते हुए मुख्य अभियंता,जानपद ईकाई वाराणसी को पत्र लिख कर दोनों आरोपियों के सेवा इतिहास का विवरण मंगा है।
लोकायुक्त के समक्ष भी मामला है लंबित
वाराणसी जानपद इकाई के सेवानिवृत्त अभियन्ता कृष्ण मोहन राव के भ्रष्टाचार की जांच की शिकायत माननीय लोकायुक्त को भी की गई थी जिसकी जांच भी अंतिम चरण में पहुँच चुकी है।