विद्युत विभाग :अफसरों की प्रताड़ना से तंग उपभोक्ता ने उपकेंद्र पर दिया धरना,डेढ़ साल से चौकाघाट डिवीजन का पीड़ित लगा रहा था चक्कर
वाराणसी 16 जनवरी :चौकाघाट डिवीजन के अभियंताओं और लिपिकों की प्रताड़ना से तस्त्र राजमिस्त्री रमेश कुमार ने मंगलवार की शाम चौकाघाट उपकेंद्र के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गया। राजमिस्त्री ने आरोप लगाया कि सुविधा शुल्क नहीं देने पर उसका लाखों रुपये का बिल बना दिया। सही करने करने के नाम पर पिछले डेढ़ साल से दौड़ाया जा रहा है। धरने पर बैठने की जानकारी मिलने पर एक्सईएन नीरज पांडेय ने पीड़ित को बुलाया और वार्ता की। अपने अधिनस्थों को फटकार लगाई और निर्देश दिया कि कागजों की दोबारा जांच कर फिर से बिजली बिल रिवीजन किया जाए। लापरवाही करने पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, इस प्रकरण में नया मामला सामने आया है। वर्ष-2021 में डाटा क्लीनिंग किया जा रहा था। सिस्टम पर भुगतान नहीं दिखने के चलते 2015 का डाटा दर्शाते हुए 2021 में पीडी कर दिया और 8.64 लाख रुपये का बिल बना दिया। विभाग ने पुराने अभिलेखों में पेमेंट नहीं देखा। जबकि, उपभोक्ता के कनेक्शन की 2007 में पीडी कर दिया गया था। एक्सईएन की जांच में एक एसडीओ और अवर अभियंता की इसमें संलिप्तता सामने आई है। अवर अभियंता का कुछ महीने तबादला हो गया है। दोनों अभियंता जांच के घेरे में आ गए हैं। इनसे गहन पूछताछ की जाएगी।
सरकारी दस्तावेज बता रहे फर्जी
अपनी गर्दन बचाने के लिए लिपिक पीड़ित के पास साक्ष्य के रूप में मौजूद सरकारी दस्तावेज को फर्जी बता रहे हैं। उनका कहना है कि इनके पर जो कागजात हैं, उसमें से कुछ रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। जबकि, कागजात में तत्कालीन अधिशासी अभियंता, एसडीओ, अवर अभियंता और लेखाकार के हस्ताक्षर मौजूद है।
ऊर्जा मंत्री के पास पहुंचा मामला
राजस्मिस्त्री को प्रताड़ित करने का मामला शासन के पास पहुंच गया है। कई लोगों ने प्रकरण को मुख्य मंत्री और ऊर्जा मंत्री के एक्स हैंडल पर साझा किया है।
जांच के बाद दोषी अभियंताओं से होगी वसूली
मुख्य अभियंता एपी शुक्ला ने
कहा कि पीड़ित की ओर प्रस्तुत रिकॉर्ड जांच की जा रही है। इस मामले में कुछ अभियंताओं के नाम भी सामने आए हैं। राजस्व की हानि का पता चलने पर अभियंताओं से वसूली की जाएगी।