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शक्ति भवन में आयोजित जनसूचना अधिकारियों का प्रशिक्षण,सूचना आयुक्त ने सूचना अधिकार को बताया पारदर्शिता एवं ईमानदारी का सबसे बड़ा हथियार

लखनऊ7जुलाई, उ0प्र0 पावर कारपोरेश के मुख्यालय शक्ति भवन में आज सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें अधिनियम की धारा 18 एवं 19 के अन्तर्गत शिकायतों व अपीलों के त्वरित समाधान के उद्श्य हेतु ऊर्जा निगमों के जनसूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुये राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने जनसूचना अधिकार अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार जितना सूचना मांगने वाले के हितो का संरक्षक है उतना ही देने वाले लोकसेवको का भी। इसलिये इस अधिनियम को पढ़कर समय से उत्तर दीजिये। इसकी सबसे महत्वपूर्ण कड़ी जनसूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी हैं। उन्हें अधिनियम को ठीक से अध्ययन करके उसके अनुरूप सूचना देनी चाहिए। इससे अधिकांश समस्या हल हो जायेगी। सूचना का अधिकार एक ऐसा अधिनियम है जो संविधान के तहत 15 जून 2005 को संसद द्वारा मान्य हुआ था। इस अधिनियम में आम जनता को सरकारी कार्यों से संबन्धित किसी भी संदर्भ में जानकारी लेने का अधिकार प्राप्त है। सूचना का अधिकार का अर्थ है लोगों तक सरकारी सूचना की पहॅुच। इसका मतलब है कि सरकारी संगठनों के कार्यों, निर्णयों तथा उनके निष्पादनों से संबन्धित फाइलों तथा दस्तावेजों तक औचित्य पूर्ण स्वतंत्र पहुॅच होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में सरकारी कार्य कलापों में खुलापन और पारदर्शिता हो।
राज्य सूचना आयुक्त का स्वागत उ0प्र0 पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम0 देवराज ने किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये एम0 देवराज ने कहा कि ऊर्जा निगमों में इस अधिनियम का अत्यन्त महत्व है। बिजली आज प्रत्येक व्यक्ति के लिये आवश्यक है। यह जीवन रेखा बन गयी है इसलिये विभिन्न समस्याओं को लेकर उपभोक्ता आर0टी0आई0 में जाता है। इसलिये हमारे जन सूचना अधिकारियों एवं अपीलीय अधिकारियों को समय से यह सूचना देनी चाहिए। निगम में सूचना अधिनियम के अनुरूप प्रर्याप्त संख्या में जनसूचना अधिकारी नियुक्त है। सूचना का अधिकार प्रशासन को जनता के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन सेन्टर फार एक्सीलेन्स एवं ट्रेनिंग के पूर्व निदेशक राजेश मेहतानी ने किया। मेहतानी ने अधिनियम कि कार्य प्रणाली और प्राविधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी साथ ही प्रशिक्षार्थियों के द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर भी समझाये।
कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन निदेशक (कार्मिक प्रबन्धन एवं प्रशासन) मृगांक शेखर दास भट्मिश्र ने दिया।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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