सृजन व शौर्य के प्रतीक भगवान परशुराम:- नीलकंठ तिवारी
वाराणसी03 मई : ब्राह्मणों के आराध्य भगवान परशुराम जी के जयंती अवसर पर विप्र समाज काशी के तत्वावधान में मंगलवार प्रातः 7 बजे दशाश्वमेध स्थित अहिल्याबाई घाट पर संस्था के पदाधिकारियों सहित काशी के वैदिक ब्राह्मण व बटुकों ने माँ गंगा का पूजन कर दुग्धाभिषेक किया व काशी में एक भव्य ब्राह्मण भवन बनाने का संकल्प लिया।
प्रारंभ में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व राज्यमंत्री व शहर दक्षिणी के विधायक पं.नीलकंठ तिवारी ने समाजोत्थान में अतुलनीय योगदान देने वाले 35 विप्रों को अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसके बाद पंडित षडानन पाठक के आचार्यत्व में 21 बटुकों के साथ गंगा का पूजन कर दूध व केशर जल से अभिषेक किया। इस अवसर पर इन्होनें कहा कि परशुराम जी ब्राह्मण समाज के साथ ही सभी वर्ग के लिए वीरता,शौर्य के प्रतीक रहे हैं। एक कुशल आज्ञाकारी होने का भी फर्ज उन्होनें बखूबी निभाया। आज वर्तमान समाज में दशा व दिशा निरंतर बिगड़ती जा रही है। आपसी तनाव भी खूब व्याप्त है। आवश्यकता है कि भगवान परशुराम जी के आदर्श चरित्र का ध्यान कर इन्हें आत्मसात करने की जरूरत है तथा इसके साथ ही समाज में विश्व बंधुत्व व वसुधैव कुटुम्बकम की भवाना को भी जागृत करना होगा। कार्यक्रम संयोजक पं.पवन शुक्ला ने कहा कि शीघ्र ही काशी में इनकी प्रेरणा से एक बड़े ब्राह्मण भवन की स्थापना होगी जिसमें ब्राह्मण समाज के अलावा अन्य का भी सहयोग लिया जाएगा। भवन के लिए भूमि की तलाश जारी है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित समाजसेवी पं. प्रमोद कुमार मिश्र ने भी पूजन अर्चन कर परशुराम जी के जीवनी पर प्रकाश डाला व ब्राह्मणों को संगठित करने पर जोर दिया। दुग्धाभिषेक में प्रमुख रूप से पं.विशाल औढ़ेकर,पं.विजय द्विवेदी,पं.किशोरी रमण दूबे ‘बाबू महाराज’ पं,संदीपत्रिपाठी,डा.अरुण उपाध्याय, कृष्णमोहन पाण्डेय, सुनील तिवारी,पं.जितेंद्रधर द्विवेदी, पं.वेदमूर्ति शास्त्री, पं.सुनील शर्मा,विनीत गौतम, रोहित पांडेय,ब्रह्मदत्त त्रिपाठी, रमेश तिवारी,भवानी शंकर शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।