उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग हुआ सख्त अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन बचे प्रबंधनिदेशक चढे बलि
लखनऊ14 दिसम्बर:लखनऊ उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 2019 मे किये हुए संसोधन पर रिपोर्ट तलब करता हुए पश्चिमाचल विद्युत वितरण निगम मे अवैध रूप से प्रबंध निदेशक की कुर्सी पर बैठे बडका बाबू को हटाने की सिफारिश की है कल हुई सुनवाई के दौरान एकल बिन्दु से बहुबिन्दु संयोजन करने मे हो रही देरी के कारण यह कार्रवाई हुई क्यो कि 2019 के आदेशो का अनुपालन मे लगभग 45000 संयोजनो को एकल बिन्दु से बहुबिन्दु मे परिवर्तित करना था परन्तु अभी तक मात्र 5% ही कार्य हुआ है राजस्व मे हो रहे भारी नुकसान और बिल्डरो को फायदा पहुचाने व भ्रष्टाचार के मामले मे पश्चिमाचल के कई निदेशक व अभियन्ता पहले भी अपनी नौकरीयो से हाथ धो चुके है वही अवैध रूप से अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन की रोजना होती विडियो कॉन्फ्रेंसिंग मे क्या होता होगा यह समझ मे आ रहा है विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मात्र भय का वातावरण बनाने की कोशिश कर के अपने अनुभवहीन प्रबन्धन निदेशक को कुछ ना कह कर अभियन्ताओ पर दबाव बनाना कोई अवैध रूप से अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन के पद पर विराजमान बडकऊ से सीखे इनके मातहत क्यो कि जो यह कह दे वह ब्रह्माव्याक्य है परन्तु इनकी अनुभवहीनता तो तो देखिए यह भी नही पता कि इस कार्य को कराने से उनके राजस्व मे बढौती होगी और होती रोज विडिओ कान्फ्रेंस कर अन्य कार्यो को करने का तुगलकी फरमान जारी होता इसी को तो अनुभवहीनता कहेगे अपनी अनुभवहीनता को छुपाने के लिए प्रबन्धनिदेशक पश्चिमाचल ने बहुत बार माफी और समय मागा परन्तु अध्यक्ष नियामक आयोग ने उनकी ना सुनते हुए उनको हटाने के लिए सरकार से सिफारिश कर दी क्यो कि 2019 मे जो आदेश दिए गये थे अनका अनुपालन दिसम्बर 2022 तक मात्र 5% कार्य ही हुआ है इससे तो साफ पता चल रहा है कि बिल्डरो पर किसकी कृपा बरस रही थी वैसे तो चर्चा आम है कि इस कृपा के पीछे प्रबंधनिदेशक का इशारा है और शहीद अभियन्ताओ को होना पडता । इसके साथ ही साथ मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मे भी अवैध रूप से प्रबंधनिदेशक की कुर्सी पर विराजमान बडकऊ की भी कायदे से आरती उतारी गयी लेकिन समय कि नजाकत व हवा को अपने विपरीत बहते देख कर लोमडी की तरह चालाक बडकऊ ने अपने बचाओ मे अधीनस्थ अधिषाशी अभियन्ताओ की बली चढाने का फैसला लेते हुए तुरन्त ही अपनी गर्दन बचाते हुए यह जिम्मेदारी अपने अधीनस्थ पर डालते हुए खुद को बचाने के लिए हुए अध्यक्ष से याचना कर समय मागा लिया कि अगर निर्धारित समय मे यह काम पूरा नही होगा तो अधीषाशी अभियन्ता राजभवन , गोमती नगर ,वृन्दावन को सस्पेंड कर दिया जाएगा यानि अपनी नाकामी दूसरो के सर डाल कर अपनी जान बचाई,।
अपना काम खुद नही कराना आता लेकिन बन्द कमरे मे चादी के जूते से मुह सुजाना व चोरी से मलाई खाना जरूर आता है वैसे जिम्मेदारी दूसरो पर डाल कर बचने की कला भी इनको खूब आती है परन्तु एक यक्ष प्रश्न यह है कि अवैध रूप से बैठे अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन की रोज होने वाली विडिओ कान्फ्रेंस मे होता क्या है ? प्रबंधनिदेशक मध्यांचल के किस्से तो अध्यक्ष महोदय को भी मालूम है इन्ही ने तो हस्तक्षेप किया था ट्रान्सफर पोस्टिग मामले मे जब जम कर चला था मध्यांचल मुख्यालय मे चादी का जूता। जब प्रबंधनिदेशक मध्यांचल से कमान सभाले नही सभाली जाती तो कुर्सी पर जमे ही क्यो हो और इस बडकऊ चुप क्यो है ? जाहिर है चुप चाप मलाई खाने के लिए वैसे भी इनके सामने इन्ही के कार्यालय मे यानि प्रबंधनिदेशक मध्यांचल के कार्यालय मे ट्रान्सफर पोस्टिग के दौरान पूर्व निदेशक कार्मिक और मुख्य अभियन्ता सेस गोमती के बीच हुई चादी के जूते की कुत्ता धसीटी की चर्चाए अभी ठंडी नही पडी है । वैसे भी इनके द्वारा जूता खा कर की गयी *कई तैनातियो मे सीधी अंगुली इन्ही के ऊपर उठती है लेकिन इनको तो सरक्षण प्राप्त है अवैध रूपसे नियुक्त बडकऊ का आइये हम आपको बताते है कि नियामक आयोग इतना सख्त क्यो है तो जवाब है उपभोक्ता हित मे । जो उपभोक्ता बहुमंजिली इमारतो मे बिल्डर रहने वाले उपभोक्ताओ को उनके बिल्डर द्वारा मनमान दामो पर विद्युत आपूर्त की जाती है जिसको नियामक आयोग ने संज्ञान मे लिया और 2019 को नियमो मे संसोधन करते हुए वितरण निगमो को आदेश दिया कि बहुमंजली इमारतो के सभी एकल बिन्दु संयोजन को बहुबिन्दु संयोजन मे बदल दिया जाऐ परन्तु बिल्डरो द्वारा मारे जा रहे चादी के जूतो के आगे नियामक आयोग की सुनता ही कौन है कल हुई कार्रवाई के बाद अफ देखना यह है कि तय समयावधि मे सभी एकल बिन्दु संयोजन बहुबिन्दु होते है या फिर पुरानी कहानी चलती रहेगी और चलता रहेगा चादी का जूता अब देखना यह है की जीत किसकी होती है । खैर
युद्ध अभी शेष है