राजनीति

कांग्रेस का गणित बिगाड़ने को भाजपा बिछा रही बिसात

25मई2022

कांग्रेस की तरफ से सैलजा के साथ ही अब आनंद शर्मा का नाम भी चल रहा है। भाजपा की तरफ से अनेक पूर्व मंत्रियों के अलावा कुमार विश्वास, पूर्व सांसद दुष्यंत गौतम के नाम भी चर्चा में हैं। हरियाणा में खाली राज्यसभा की दोनों सीटें भाजपा झटकना चाहती है। उसके लिए पार्टी ने बिसात बिछाना शुरू कर दी है। दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने की चर्चा चल रही है। ऐसा होते ही चुनाव में मतदान होगा। अगर भाजपा और कांग्रेस से एक-एक ही प्रत्याशी आते हैं तो निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा, चूंकि विधायकों के संख्या बल के हिसाब से अभी एक-एक सीट दोनों दलों की बनती है। भाजपा बीते कुछ दिनों से कांग्रेस के विधायकों में सेंधमारी करने की कोशिश कर रही है, जिससे मतदान की स्थिति में भितरघात के आसार हैं। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस को बैकफुट पर लाया जा सकता है। कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस से पहले ही नाराज चल रहे हैं। एक कांग्रेस विधायक को भाजपा ने और तोड़ लिया तो उसके विधायकों की संख्या 31 से कम होकर 29 रह जाएगी। जिससे वह चुनाव हार सकती है। उसके विधायक किसी सूरत में 30 से कम नहीं होने चाहिए। आजाद विधायक बलराज कुंडू पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। चूंकि, वह भाजपा से नाराज हैं। अगर वह कांग्रेस के साथ आ जाते हैं तो कांग्रेस की नैया आसानी से पार हो सकती है, बशर्ते उसके दो से अधिक विधायक न टूटें। भाजपा की नजर कांग्रेस के तटस्थ विधायकों पर है, चूंकि संगठन में बदलाव के बाद सैलजा समर्थक विधायकों को तोड़ना भी आसान नहीं होगा।

उन्हें अगले चुनाव के लिए टिकट की चिंता अभी से सताने लगी है। अब प्रदेश में संगठन की कमान हुड्डा खेमे के हाथ है। कांग्रेस की तरफ से सैलजा के साथ ही अब आनंद शर्मा का नाम भी चल रहा है। भाजपा की तरफ से अनेक पूर्व मंत्रियों के अलावा कुमार विश्वास, पूर्व सांसद दुष्यंत गौतम के नाम भी चर्चा में हैं।

भाजपा को राज्यसभा की पहली सीट जीतने के लिए 31 विधायकों की जरूरत पड़ेगी, पार्टी के पास खुद के 40 विधायक हैं। जजपा के 10 विधायकों का भाजपा को समर्थन है। सात निर्दलीयों में से छह विधायक भाजपा के साथ हैं। सिरसा विधायक गोपाल कांडा ने सरकार को समर्थन दिया हुआ है। ऐलनाबाद विधायक अभय चौटाला कांग्रेस के बजाय भाजपा के साथ जाना चाहेंगे। भाजपा के पास विधायकों की संख्या 60 होते ही दोनों सीटें उसकी झोली में आ जाएंगी।

राज्यसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने छह साल पहले स्याही कांड में फंसे विधानसभा सचिव आरके नांदल को रिटर्निंग अधिकारी लगाया है। स्याही कांड के बाद उन्हें दो चुनावों में रिटर्निंग अधिकारी नहीं लगाया गया। इस बार उन पर आयोग ने भरोसा जताया है। वह चाहेंगे कि छह साल पहले के कांड की पुनरावृत्ति इस चुनाव में मतदान होने पर न हो। चूंकि, उस चुनाव में स्याही कांड के कारण भाजपा समर्थित आजाद प्रत्याशी सुभाष चंद्रा जीत गए थे और कांग्रेस-इनेलो के संयुक्त उम्मीदवार आरके आनंद को हार का मुंह देखना पड़ा था। पेन बदलने के कारण कांग्रेस विधायकों की वोट रदद हो गई थी। दोनों सीटों के लिए मंगलवार को चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया गया। नांदल ने बताया कि उम्मीदवार 31 मई तक किसी भी दिन सुबह 11 से बाद दोपहर 3 बजे तक नामांकन भर सकते हैं। नामांकन पत्रों की छंटनी 1 जून को सुबह 10 बजे होगी। नामांकन 3 जून को बाद दोपहर 3 बजे तक वापस लिए जा सकते हैं। मतदान यदि आवश्यक हुआ तो 10 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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