पूर्वांचल

धूम धाम से निकली बाबा लाट भैरव की बारात बाबा बने दूल्हा, काशीवासी बने बाराती

वाराणसी10सितम्बर:भूतभावन भगवान शंकर की त्रैलोक्य न्यारी काशी शनिवार की रात भैरवमयी हो गयीं।भगवान शंकर की क्रोधाग्नि से प्रकट बाबा श्री कपाल भैरव जिन्हें काशीवासियों के पाप और पुण्य कर्म का शोधन करने वाले देव अर्थात न्यायाधीश माना जाता है।काशी के न्यायाधीश बाबा लाट भैरव स्वर्णमयी रथ पर सवार होकर जब माता भैरवी संग ब्याह रचाने पहुँचे तो इस मनोरम दृश्य को देखकर काशीवासी निहाल हो उठें।

सिर पर मौर सजाए स्वर्णमयी रथ पर सवार हुए बाबा लाट भैरव
श्री कपाल भैरव अथवा लाट भैरव प्रबधंक समिति के तत्वावधान में विशेश्वरगंज स्थित इन्ना माई की गली से बाबा श्री कपाल (लाट) भैरव जी के रजत मुखौटे का विधिवत श्रृंगार कर सिर पर मौर सजाया गया।आचार्य पंडित रविंद्र त्रिपाठी ने षोडशोपचार पूजन कराया।मुख्य यजमान उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने बारात का शुभारंभ किया।शहनाई की कर्णप्रिय धुन, ढोल नगाड़ो की थाप, कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुति के साथ मुख्य मार्ग पर बारात सजकर तैयार हो गयी।रथ पर सवार होते ही बाबा के विशालकाय मुखौटे की आभा देखते ही बन रही थीं।बारात हरतीरथ चौराहा, विश्वेश्वरगंज त्रिमुहानी से होते हुए भैरवनाथ मंदिर पहुँचा।काल भैरव मंदिर प्रबंध द्वारा बाबा श्री को वस्त्र, काला गंडा, फूल मालाओं से विधिवत श्रृंगार कर भव्य आरती उतारी गयीं।

विशेश्वरगंज से लेकर कज्जाकपुरा तक बारात मार्ग में सभी मंदिरों में विशेष सजावट की गयी थी।जगह-जगह सांस्कृतिक आयोजन किये जा रहें थें।भक्तों में गजब का उत्साह था।हर कोई लगातार पलक पावड़े बिछाए बारात की प्रतीक्षा कर रहा था।हाथों में पुष्पाहार, पूजन सामग्रियों सहित आरती की थाल लिए घण्टों बाद भक्तों को बाबा के दूल्हे स्वरूप में दर्शन मिला।रास्ते भर छतों बरामदों से लोगों ने पुष्पवर्षा कर बारात का अभिनंदन किया।हजारों ने बाबा की आरती उतारी।आस्था की पराकाष्ठा इस कदर कि बारात को 2 किलोमीटर का मार्ग तय करने में लगभग 10 घण्टे से अधिक का समय लगा।शाम 5 बजे निकलने वाले बारात को अपने गंतव्य स्थान तक पहुँचने में भोर के 4 बज गए।

कोरोना काल के 2 वर्ष बाद लौटी शोभायात्रा की रंगत

पिछले 2 वर्षों से कोरोना विभीषिका के बीच पूरा कार्यक्रम कोविड प्रोटोकॉल के कारण सांकेतिक रूप से किया गया था।शिवम अग्रहरि ने बताया कि 2 वर्ष बाद पूरे हर्षोल्लास वातावरण में अबकी बार विवाहोत्सव हुआ।शोभायात्रा में पहले जैसी ही रंगत लौट आयी।

बारात के दौरान काशी विश्वनाथ डमरू दल, श्री लाट भैरव डमरू दल सहित कई डमरू दलों के लगभग सैकड़ो सदस्य बारात शोभायात्रा में डमरू निनाद करते चल रहें थें।चाक चौराहों पर डमरू नाद का करतब देखने और बारात की शोभा को कैमरे में कैद करने को लोग आतुर नजर आएं।मार्ग पर्यंत डमरू नाद संग हर हर महादेव का संघोष लगातार गुंजायमान होता रहा।

बारात का शुभागमन, द्वारपूजन व सकुशल विवाह संपन्न

बारात जतनबर, कतुआपुरा, अम्बियामण्डी, बलुआबीर, हनुमान फाटक, तेलियाना से होकर नउआ पोखर स्थित लाट भैरव बाजार जनवासे में ठहरने के उपरांत गंतव्य स्थान पहुँचा।देर रात कपाल मोचन कुंड के समीप बाबा का द्वार पूजन कराया गया।मंदिर के पांच परिक्रमा करवाये जाने के पश्चात रजत मुखौटे को विग्रह पर विराजमान कराया गया।वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अध्यक्ष हरिहर पांडेय ने बाबा के समस्त वैवाहिक रीति-रिवाजों को पूरा किया।ब्रह्म मुहूर्त में विवाहोत्सव संपन्न हुआ।विवाहोत्सव में प्रमुख रूप से समिति के उपाध्यक्ष बसंत सिंह राठौर, प्रधानमंत्री छोटेलाल जायसवाल, मंत्री मुन्ना लाल यादव, विक्रम सिंह राठौर, नंदलाल प्रजापति, कोषाध्यक्ष छोट्टन केशरी, मीडिया प्रभारी शिवम अग्रहरि, पार्षद रोहित जायसवाल, बच्चे लाल, पूजारी प्रद्युम्न मिश्रा, सुशील जायसवाल, निक्की जायसवाल, नगेंद्र सिंह, छेदीलाल, मंदीप, कार्तिक, सचिन आदि उपस्थित रहें।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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