पूर्वांचल

वाराणसी में पर्चा खारिज होने पर, ‘जिला मुख्यालय पर हाई वोल्टेज ड्रामा

19फरवरी2022

यूपी विधानसभा चुनाव ( 2022) में इस बार अलग-अलग रंग प्रत्याशियों के देखने को मिल रहे हैं. इसी कड़ी में वाराणसी में नामांकन खारिज होने पर, जिला मुख्यालय पर एक हाई वोल्टेज ड्रामा उस समय देखने को मिला जब अपने जिंदा होने के प्रमाण के लिए साल 2012 से चुनाव लड़ने वाले संतोष मूरत सिंह का पर्चा भी खारिज हो गया.

फिर क्या था, संतोष ने अपना आपा खो दिया. जिला मुख्यालय के गेट से निकलते हुए उसने वहीं एडीएम सिटी गुलाबचंद के पैर पकड़ लिए और न्याय की गुहार लगाने लगा. जब बात नहीं बनी, तो अपने जीवित होने के प्रमाण के लिए संतोष मूरत की गिरफ्तारी कराने की जिद को लेकर, पुलिस की जीप के आगे बैठ गया और फफक फफककर रोने लगा.

पुलिस के जवानों ने उसे बड़ी मुश्किल से सड़क से हटाया. फिर क्या था, पुलिस ने उसकी इच्छा पूरी करते हुए उसपर शांति भंग करने की आशंका के आरोप में हिरासत में ले लिया और थाने ले गई. इस दौरान संतोष ने चुनाव प्रक्रिया पर काफी गंभीर आरोप भी लगाए. उसने बताया कि साजिश के तहत उसका पर्चा खारिज किया गया है.

संतोष ने आरोप लगाया कि कहीं ना कहीं सत्ता मैं बैठे लोगों को डर था कि संतोष अपनी लोकप्रियता के कारण जीत न जाए. इसलिए ऐसा कदम उठाया गया है. संतोष का नामांकन रद्द होने के पीछे वजह शपथ पत्र की त्रुटि बताई गई. लेकिन संतोष इस बात से इत्तफाक नहीं रखते हुए हाई कोर्ट जाकर चुनाव आयोग की शिकायत करने की बात कहता रहा.

बता दें कि वाराणसी के संतोष मूरत सिंह चौबेपुर के छितौनी गांव के रहने वाले है. संतोष लंबे वक्त से सिर्फ इसलिए चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं, क्योंकि राजस्व विभाग उन्हें अपनी फाइल में जिंदा कर दे, ताकि वे अपने हिस्से की जमीन पट्टीदारों के कब्जे से वापस ले सके. संतोष ने नामांकन के दौरान बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से निर्दलीय ही चुनाव लड़ते आए है, लेकिन जनसंघ पार्टी ने इस बार उन्हे टिकट भी दिया है. उनके पास वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड भी है, लेकिन राजस्व विभाग की फाइल में उन्हें मृत घोषित कर दिया है.

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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