पूर्वांचल

विद्युत विभाग :संविदाकर्मियों की मौतों की चादर ओढ़ कर सोते अधीक्षण अभियंता, जितनी ज़्यादा दुर्घटना उतनी ज्यादा कमाई

वाराणसी30अगस्त:पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के वाराणसी जोन में नगरीय विधुत वितरण मण्डल द्वितीय, सिगरा वाराणसी अंतर्गत 33/11k.v से विद्युत संविदा कर्मचारियों के साथ हुऐ विधुत दुघर्टनाओं में गम्भीर रूप घायल एवं मृत्यु में लगातार इज़ाफ़ा होता जा रहा है।मगर अधीक्षक अभियन्ता सिर्फ हर बार अवर-अभियंता को निलंबित औऱ कुछ संविदाकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर कुम्भकर्ण की नींद सो जाते है,हादशा होने पर जगते है कार्यवाही कर फिर चैन की बंसी बजाते है,सिलसिलेवार घटित विद्युत दुर्घटनाओं से न तो ठेकेदारों को फर्क पड़ रहा है औऱ न ही अधीक्षण अभियंता को। फर्क सिर्फ पड़ता है तो संविदाकर्मियों के परिवार को जिनके लड़के/भाई/पिता मर रहे है या विकलांगता का शिकार हो रहे है । विभाग में हर मौत की कीमत सिर्फ 5 लाख है,परिवार को चेक थमा कर अपनी नाकामियों पर पर्दा डाल लेते है।हर विद्युत दुर्घटना का अंत इसी तरह होता है तुरंत।वर्तमान के अधीक्षण अभियन्ता के कार्यकाल में पिछले कुछ महीनों में संविदाकर्मियों के साथ हुए विद्युत दुर्घटना इस प्रकार है

1-अब्दुल अजीज पुत्र नजीर अली घटना तिथि 6/7 /2020 घटनास्थल काली जी मंदिर के पास नारायणपुर फिडर पांडेपुर पंचम खंड,
2-संजय पाल पुत्र मंगला पाल मृतक पार्क तिथि मई 2022 घटनास्थल कादीपुर शिवपुर कोईहलवा खण्ड पंचम,
3-अशोक मिश्रा तिथि 10/11/2020,10.M.Vघटना स्थल खण्ड तृतीय,
4-अर्जुन राम पुत्र पहलू राम घटना की तिथि मार्च 2022 अशोकनगर फिडर न्यू दौलतपुर उपकेंद्र खण्ड षष्ठम,
5-योगेंद्र यादव पुत्र हरि यादव घटना की तिथि 25 अगस्त 2022 कर्मी का पैर टूटा कार्य के दौरान,
6-प्रदीप कुमार पटेल घटना की तिथि 8/4/ 2022 चौक उप केंद्र खंड तृतीय,
7-रवि पटेल बड़ा लालपुर उप केंद्र घटना की तिथि 27 अगस्त 2022 खण्ड पंचम

भ्रष्टाचार की कहानी,सभी ने जानी,अपना-अपना मनी कट, संविदाकर्मियों की मौतों का जमघट

घटनाओं का विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों एवं बाह्य सेवा प्रदाता कंपनियों की मिली भगत से लगातार घटित होने जारी है, ना तो इन संविदाकर्मियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध है न ही ज्यादातर संविदाकर्मी लाइन पर काम करने के मानकों को पूरा करते है जिसका मुख्य कारण अवर-अभियंता से ले कर अधीक्षण अभियंता तक के चहेतो को संविदा पर रखा गया है।जिसकी वजह से ठेकेदारों को प्रति माह भुगतान में देरी नही होती है,सभी संविदाकर्मियों की उपस्थिति अवर-अभियंता ऊपर भेज देता है उसके बाद सहायक-अभियंता से ले कर अधीक्षक अभियन्ता तक के लोग अपना-अपना हिस्सा ले कर बिल पेमेंट करवाने में लग जाते है। इसी भ्रस्टाचार की खुशबू को सूंघ कर लाइन पर काम करने वाले संविदाकर्मी मनमानी करते है औऱ वे भी थोड़ा बहुत माल अंदर करने के लिए अपनी जान से खेलते है।
विभाग में पहले जब श्रमिक आयोग से भर्ती होता था तो उसको परीक्षा से गुजरना होता था,पर वर्तमान में संविदाकर्मियों की भर्ती की योग्यता सिर्फ अवर-अभियंता से ले कर अधीक्षण अभियंता का परिचित होना है।योग्यताओं के अभाव में लगातार विधुत दुर्घटना हो रही हैं।
प्रबंधन में बैठे आला अधिकारियों को पूर्वांचल विद्युत संविदा मजदूर संघ एवं अन्य श्रमिक संगठनों ने क्षेत्रीय अनियमितता के बारे में जानकारी दी है पर चांदी की चमक औऱ पैसों की खनक से अंधे-बहरे बने है।खबर है सब को बनजाते है बे-खबर।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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