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सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन पर डीएम-एसपी रखें नजर, सीएम योगी ने सेट किया एजेंडा

लखनऊ 27 मई :जनसुनवाई में आम पब्लिक की समस्याओं और उसके समाधान से सीधे-सीधे जुड़ने वाले कार्यालयों की कार्यप्रणाली अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रडार पर है।
ब्लॉक, तहसील और थानों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब करते हुए सख्त हिदायत दी है।
जल्द से जल्द इन तीनों दफ्तरों की समीक्षा करते हुए खराब प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की
जाए। उन्होंने कहा है कि ब्लॉक, तहसील और थानों की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई नहीं दिया तो टॉप टू बॉटम सभी अधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित है।
सीएम ने जोर देकर कहा है कि प्रतिदिन ब्लॉक, तहसील और थानास्तर पर कम से कम एक घंटे की जनसुनवाई अवश्य की जाए। उन्होंने जिलाधिकारी और पुलिस कप्तानों को निर्देशित किया है कि ब्लॉक, तहसील और थानों में जन समस्याओं के निस्तारण को लेकर क्या कार्य हो रहे हैं, इसकी हर हफ्ते समीक्षा होनी चाहिए।
इसके लिए जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान पहले से एजेंडा तय करें।

जनसुनवाई के लिए तैयार हो सुगठित मैकेनिज्म

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जनता दर्शन कार्यक्रम के जरिए आम पब्लिक की समस्याओं को सुनने के साथ ही उनके निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित करते रहते हैं।
जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री के पास आने वाले फरियादियों की बढ़ती संख्या को और उनकी समस्याओं को देखते हुए सीएम योगी की भृकुटी प्रदेश के ब्लॉक, तहसील और थानों की कार्यप्रणाली को लेकर टेढ़ी हो गई है क्योंकि ज्यादातर मामले इन्हीं कार्यालयों की शिथिलता के कारण उत्पन्न हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश, मंडल और जिलों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि हर हाल में ब्लॉक, तहसील और थानों पर नियमित जनसुनवाई सुनिश्चित कराई जाए।
इसके लिए एक बेहद सुगठित मैकेनिज्म तैयार किया जाए। साथ ही मेरिट के आधार पर समस्याओं का निस्तारण किया जाए।

संबंधित कर्मचारी पर हो कठोर कार्रवाई

सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ब्लॉक, तहसील और थानास्तर पर जनता की समस्याओं की सुनवाई
के लिए एक-एक हफ्ते की रूपरेखा तैयार करते हुए अभियान चलाएं। उन्होंने इस बात पर चिंता भी व्यक्त की है कि कई बार ब्लॉक, तहसील और थानों पर नियमित जनसुनवाई नहीं
होने से कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विकट स्थिति पैदा हो जाती है।
वरासत और पैमाइश से जुड़े मामले के चलते विवाद की स्थिति पैदा होती है।
ऐसे में ब्लॉक, तहसील और थानास्तर के कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो और लापरवाही बरतने वालों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए। विषम स्थिति किस स्तर पर गड़बड़ी होने के कारण पैदा हुई है, इसकी जांच हो और लेखपाल, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और उपजिलाधिकारी के कामों की
समीक्षा की जाए तथा दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाए।

मुख्यालय में अटैच कर्मचारियों को फिल्ड में भेजें

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि मुख्यालयों पर अनावश्यक तौर पर अटैच कर्मचारियों को तत्काल फील्ड ड्यूटी दें।

इसके अलावा जिन अधिकारियों या कर्मचारियों में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है उन्हें तत्काल अटैच करते हुए युवा, तेज-तर्रार अफसरों को जिम्मेदारी दी जाए।
उन्होंने साफ साफ कहा है कि इसके बाद जिस भी जिले से खराब रिपोर्ट आएगी वहां टॉप टू बॉटम सबपर कार्रवाई होगी। सीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि ब्लॉक, तहसील और थानों की कार्यप्रणाली पर खुद उनकी नजर है और मुख्यमंत्री कार्यालय इनकी रिपोर्ट तैयार कर रहा है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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