हाय हाय रे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम:जिनके आने की थी बरसो से उम्मीद वो आए तो कुर्सी उन्हे ना हुई नसीब
वाराणसी 28 अप्रैल :इन दिनों यही हाल है पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के वित्त विभाग का जिसे यहा के अधिकारी और ठेकेदार कुबेर के खजाने की कुर्सी के अधिपति के नाम से जानते है यही से समूचे पूर्वांचल डिस्कॉम के संचालन की धनराशी अवमुक्त की जाती है जहाँ एक लम्बे समय से डीजीएम फाइनेंस का पद खाली पड़ा था जिसे देखते हुए यूपीपीसीएल द्वारा अमित रोहिला को डीजीएम पद पर तैनाती दी गई अमित रोहिला ने पूर्वांचल पहुचकर अपना कार्यभार तो सम्भाल परन्तु आज तक कुबेर के खजाने के सरक्षक यानि कि डीजीएम को इतने बड़े डिस्कॉम मुख्यालय में अपनी तय जगह ही मिली और तो और कार्यालय का सबसे महत्वपूर्ण अंग कुर्सी मेज जहाँ बैठ कर इनको काम करना है वो तक नहीं नसीब हो सकी जबकि उसी मुख्यालय में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों तक से लेकर सभी अधिकारीयो के वातानुकूलित आलीशान दफ्तर मौजूद हैं परन्तु डीजीएम अमित रोहिला एक मात्र मोबाइल अधिकारी है की तरह मुख्यालय में घूम घूम कर अपनी जिम्मेदारी निभाते देखे जा रहे हैं चर्चा है कि डिस्कॉम के एक निदेशक द्वारा इनकी हालत पर तरस खाकर इन्हें मुख्यालय के एक अधीक्षण अभियंता के कक्ष में बैठने की जगह उपलब्ध कराई थी परन्तु अपनी आजादी और कबाब में हड्डी मानते हुए अधीक्षण अभियंता ने अपने कक्ष से डीजीएम महोदय का बोरिया बिस्तर बाहर करा दिया इस पर आश्चर्य की बात यह है कि पूर्व के दिनों में कमरा नम्बर 111 में डीजीएम फाइनेंस के बैठने की व्यवस्था पूर्व से ही चली आ रही थी परन्तु फिर अमित रोहिला को पूर्वांचल का प्रबन्धन आज तक स्थाई रूप से बैठने की जगह नही उपलब्ध करा पा रहा है । खैर
युद्ध अभी शेष है