अपना देश

राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली 4दिसम्बर :देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना (आईएन) और भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) को स्वदेशी अत्याधुनिक जहाजों और हथियारों से लैस किया जा रहा है। यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई में ‘रक्षा शिपयार्ड’ पर रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक के दौरान कही, जिसमें अनेक संसद सदस्यों ने भाग लिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना और भारतीय कोस्टगार्ड को मजबूत करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए रक्षा शिपयार्डों की सराहना करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने उत्पादों की समय पर डिलीवरी और गुणवत्ता सुनिश्चित की है, जो एक मजबूत सेना के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत ‘विजन’ को साकार करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने हथियारों/उत्पादों के स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहित करने और डीपीएसयू द्वारा आयात को कम करने के लिए सरकार द्वारा की गई अनेक पहलों को सूचीबद्ध किया। इन पहलों में प्रमुख लाइन रिप्लेसमेंट युनिट्स/ सब-सिस्टम्स और सृजन पोर्टल सहित सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना शामिल है ।

राजनाथ सिंह ने कहा, “स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए दिनांक 14 अगस्त, 2020 को सृजन पोर्टल लॉन्च किया गया था। दिनांक 30 सितंबर, 2022 तक पोर्टल पर शिपयार्ड के 783 आइटम हैं। ये वस्तुएं पहले आयात की जाती थीं और उनके स्वदेशी विक्रेता उपलब्ध नहीं थे। शिपयार्ड अब तक सूची से 73 वस्तुओं को सफलतापूर्वक स्वदेशी बनाने में सक्षम रहे हैं। शेष मदों के स्वदेशीकरण के प्रयास उद्योग भागीदारों के सहयोग से प्रगति पर हैं।”

रक्षा मंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए रक्षा शिपयार्डों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “वर्ष 2021-22 के दौरान, इन शिपयार्डों के उत्पादन का मूल्य 8,925 करोड़ रुपये था और टैक्स के बाद प्रॉफिट 928 करोड़ रुपये था। वर्तमान में इन शिपयार्डों की ऑर्डर बुक की स्थिति 81,777 करोड़ रुपये है।”

राजनाथ सिंह ने इस तथ्य की भी सराहना की कि शिपयार्डों में गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) के माध्यम से खरीद बढ़ रही है, जिससे न केवल घरेलू उत्पादों को बढ़ावा मिला है, बल्कि खरीद में पारदर्शिता भी सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि शिपयार्डों को जीईएम के माध्यम से खरीद बढ़ाने के लिए कहा गया है और एमएसएमई से कुल खरीद का 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।

रक्षा मंत्री ने भरोसा जताया कि जल्द ही शिपयार्ड न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करेंगे, बल्कि प्रतिस्पर्धी आधार पर निर्यात ऑर्डर भी हासिल करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये शिपयार्ड बदलते परिवेश में खुद को ढालना जारी रखेंगे और वांछित परिणाम प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि मित्र देशों ने इन शिपयार्डों द्वारा निर्मित प्लेटफार्मों की गुणवत्ता की सराहना की है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *