यूपी में बिजली की दरें बढ़ाने की कवायद शुरु,नियामक आयोग ने स्वीकार किया कम्पनियों का प्रस्ताव
लखनऊ22अप्रैल: प्रदेश में बिजली दरें बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बृहस्पतिवार को बिजली कंपनियों की ओर से 8 मार्च को दाखिल 2022-23 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव, 2020-21 की ट्रू-अप याचिका व 2121-22 की एनुअल परफार्मेंस रिपोर्ट (एपीआर) को स्वीकार लिया। विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधान के अनुसार आयोग को एआरआर स्वीकार करने के 120 दिन के भीतर नया टैरिफ आर्डर जारी करना होगा। चूंकि बिजली कंपनियों ने एआरआर के साथ ट्रैिरफ प्रस्ताव दाखिल नहीं किया है इसलिए नई दरों का दारोमदार अब आयोग पर ही है। नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह, सदस्य कौशल किशोर शर्मा व वीके श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने बिजली कंपनियों का एआरआर स्वीकार करते हुए नई दरों को लेकर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है। आयोग जल्द ही बिजली दर पर जनसुनवाई की तारीखें घोषित करेगा। इससे पहले आयोग के आदेशानुसार बिजली कंपनियों को एआरआर संबंधित सभी जानकारियां व आंकडे़ तीन दिन में समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना होगा। उपभोक्ताओं व सभी हितधारकों को उस पर 15 दिन में आपत्तियां और सुझाव दाखिल करने का समय दिया जाएगा। आपत्तियां व सुझाव प्राप्त करने के बाद आयोग जनसुनवाई करेगा। गौरतलब है कि इस बार बिजली कंपनियों ने 17 प्रतिशत वितरण हानियाें के आधार 85,500 करोड़ रुपये का एआरआर दाखिल किया है। इसमें लगभग 6,700 करोड़ रुपये घाटा दिखाया गया है। चूंकि कई बार आदेश देने के बाद भी बिजली कंपनियों ने दरें प्रस्तावित नहीं की हैं। ऐसे में अब गेंद आयोग के पाले में आ गई है।