एक झलक

विद्युत विभाग:सबसे बड़े अरबो के घोटाले में आरोपियों पर ऊर्जा प्रबंधन की नजरें इनायत से निचले स्तर पर बढ़ भ्रष्टाचार: दाल में काला या पूरी दाल ही काली

वाराणासी 7 मई:”””””भ्रष्टाचार के तंबू में हजार बम्बू””””””डैडी जैन के आने से भ्रष्टाचारी लेते चैन की सांस””””””””विद्युत विभाग में चर्चित बड़े घोटाले में आरोपियो पर ऊर्जा प्रबंधन के शीर्ष पदों पर काबिज़ अधिकारियों द्वारा अभयदान देने से औऱ आरोपियो को लगातार मिलती मलाईदार पोस्ट पर नियुक्ति औऱ निदेशक जैसे पद पर चयन करने से विभाग में भ्रष्टाचार औऱ घोटाले करने का चाल-चलन तेजी से बढ़ता गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष ऊर्जा प्रबंधन द्वारा निदेशकों के चयन में भ्रष्टाचार औऱ गड़बड़ी की शिकायत ऊर्जामंत्री द्वार मुख्यमंत्री से किये जाने पर निदेशकों के चयन को सरकार ने निरस्त कर दिया गया था।
अरबो के कुम्भ-2019 घोटाले के आरोपी को निदेशक,वाणिज्य पूर्वान्चल पद पर उपकृत(चयनित) किये जाने से निचले स्तर पर लूट की खुली छूट की मौन सहमति प्रसारित होने तो दूसरी तरफ सेवानिवृत्त होने के बाद UPPCL के पूर्व डैडी आर०के०जैन के निदेशक, कार्मिक प्रबंधन औऱ प्रशासन पर चयन औऱ नियुक्त होते ही भ्रष्टाचारी चैन की सांस ले रहे है।निदेशक,कार्मिक का पूर्वान्चल के डैडी बनने के बाद से पूर्वान्चल के घोटालों की दिशा औऱ दशा बदलती नज़र आने लगी किसी भी घोटाले में आज तक घोटाले की मूल जड़ पर कोई जाँच समिति नही बनाई गई।
पूर्वान्चल के भ्रष्टाचार का तंबू हजरों बम्बू के सहारे खड़ा है जिसको सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति की हवा भी नही उखाड़ पा रही है।

निदेशक,कार्मिक प्रबंधन औऱ प्रशासन की कार्यशैली पर उठते सवाल

10 करोड़ के घोटाले की मनी ट्रेल पर डैडी ने क्या कार्यवाही की?

70 लाख के विद्युतीय निर्माण की सामग्री घोटाले पर डैडी ने क्या कार्यवाही की?

30 करोड़ के फर्जी टेंडर सुनियोजित घोटाले पर डैडी ने क्या कार्यवाही की?

पूर्वान्चल में भ्रष्टाचारियो के पक्ष में डैडी का जलवा कायम

बताया कुछ जा रहा है, किया कुछ जा रहा है, दिखाया कुछ जा रहा

ताजा मामलों में एक मे तो भ्रष्टाचारी हिम्मत की पराकाष्ठा पर पूर्वान्चल के बैंक खातों से लेखाकार ने ही करोड़ो पर कर दिये औऱ अपने बैंक खातों में ट्रांसफ़र कर डाला पूर्वान्चल निगम प्रबंधन की फौरी जांच में लेखाकार के खातों से 10 करोड़ की मनी ट्रेल मामले में FIR कर प्रबंधन ने 10 करोड़ की मनी ट्रेल पर कोई विभागीय जांच नही बैठाई जबकी एक विभागीय कर्मी का नाम प्रकाश में आ चुका है।
तो दूसरे विद्युतीय निर्माण कार्यों में 70 लाख की सामग्री घोटाले में जाँच रिपोर्ट में आरोपी पर कोई कार्यवाही न कर आरोपियो को घोटाले से संबंधित ऑडियो क्लिप के वायरल करने के आरोप में निलंबित कर घोटाले की दशा और दिशा बदल दी,प्रकरण में जाँच समिति की जांचोपरांत आख्या पर कोई कार्यवाही नही की गई।
तो तीसरे 30 करोड़ के फर्जी टेंडर घोटाले में फर्जी टेंडर की जांच न कर मामले को एक महिलाकर्मी की उत्पीड़न की शिकायत की तरफ सारा मामला शिफ्ट कर दिया जबकी करोड़ो के टेंडर के वित्तीय औऱ प्रशासनिक अनुमोदन की फ़ाइल मंडल से लेकर निगम मुखिया की टेबल से गुजरी है 30 टेंडर घोटाले में जाँच समिति न बना कर महिला कर्मी की शिकायत की जाँच के लिए पत्राचार किया गया।

बड़े नमो के खुलासे के डर या चांदी की प्लेट का वजन

30 करोड़ के सुनियोजित फर्जी टेंडर घोटाले में कई बड़े अधिकारियो की फंसने की संभावना की वजह से भ्रष्टाचारियो की एकजुटता से मामले को दबाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इन मामलों में भ्रष्टाचारियो के आका जो पूर्वान्चल निगम मुख्यालय में तैनात है ने मोर्चा संभाला रखा है औऱ आरोपियों द्वारा चांदी की प्लेट में दस्तरख़ान परोसा गया। मजे की बात है कि इन मामलों में सबूत(ऑडियो क्लिप/फर्जी टेंडर के प्रपत्र) सार्वजिनक तौर पर वायरल है जिसकी जानकारी सभी को है।

भ्रष्टाचार पर डैडी प्रबंधन के आंख,कान बंद करने से मचा घमासान

दूसरी तरफ 30 करोड़ के फर्जी टेंडर पर जाँच औऱ कार्यवाही को लेकर दो संघठनो में घमासान मचा हुआ है संघठनो के घमासान से निचले स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा हो रहा है। भ्रष्टाचारियो की मजबूत पैरवी में मुख्य अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक दबाव औऱ प्रभाव में असहाय तो निगम प्रबंधन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ नजऱ आ रहा है। भ्रष्टाचार पर कार्यवाही के नाम पर अधिकारी एक दूसरे पर टोपी डाल रहे है।

अरबो के घोटालेबाजो 13 आरोपियो पर नज़रे इनायत

पहले भ्रष्टाचार करने और वित्तीय घोटाले में पकड़े गए आरोपियो पर कार्यवही से भ्रष्टाचारियो में डर का माहौल रहता रहा है उसमें भी कुछ जांबाज़ भ्रष्टाचार करने में पीछे नही रहे,परन्तु वर्ष-2019 में प्रयागराज में आयोजित कुम्भ में विधुतीय कार्यो में अरबो के घोटाले को अंजाम देने वाले,जाँच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले 13 आरोपियो पर न तो पूर्वान्चल निगम औऱ न तो ऊर्जा प्रबंधन के शीर्ष नेतृत्व ने कोई कार्यवाही की अपितु जाँच रिपोर्ट को काल के गर्त में डाल कर सभी की मलाईदार पदों पर पोस्टिंग होती रही, कुछ को विभागीय प्रमोशन का लाभ मिलता राह तो कुछ सेवानिवृत्त हो गए औऱ 13 आरोपियों में से एक ने तो निदेशक पद पर आवेदन भर कर इंटरव्यू देकर निदेशक बन गए।

बड़े भ्रष्टाचारियो से सीखते तौर तरीके

भ्रष्टाचार में मास्टर डिग्री प्राप्त बड़े घोटालेबाजो द्वारा घोटाले में फसने के बाद कैसे विभाग में गोटिया फिट कर अपने आप को बचाया बल्की भ्रष्टाचार करने के बाद शान से आज भी विभाग में नौकरी कर रहे है इसकी नजीर के तौर पर विभाग में भ्रष्टाचार के डिग्री धारक खुल कर भ्रष्टाचार करने के नज़राने पेश किये जाने लगे औऱ भ्रष्टाचार से कमाई दौलत के दम पर अधिकारियो का मुंह बंद कर,जाँच की आंच को कुंद कर मस्त है।

पूर्वान्चल में भ्रष्टाचार का बढ़ता ग्राफ

पूर्वान्चल में पिछले कुछ वर्षों से जब से पूर्वान्चल के सबसे बड़े घोटाले के आरोपी राजेन्द्र प्रसाद निदेशक, वाणिज्य पूर्वान्चल के पद पर पेड चयन करते हुए तैनात हुए तब से पूर्वान्चल में भ्रष्टाचार औऱ वित्तीय घोटालों के मामलों में निर्भीक तरीके से उछल आया औऱ व्यक्तिगत लाभ के लिए विभाग को वित्तीय हानि पहुचाई जाने लगी। 11 हजार/33 हजार की लाइनो की अवैध शिफ्टिंग, कनेक्शन देने में झटपट पोर्टल पर भ्रष्टाचार, तबादलों में भ्रष्टाचारी तबादला एक्सप्रेस, ऑनलाइन टेंडर घोटाला,ERP पर फर्जी बिलिंग घोटाला,RDSS केन्द्रीय योजना में सामग्री घोटाला जैसे तमाम भ्रष्टाचार के मामले आये दिन सामने आते रहे औऱ सुर्खियां बटोरते रहे। कुछ मामलों में निलंब की कार्यवाही कर मामले की वृहद जाँच के नाम पर पत्राचारों में मामला डिब्बा बंद किया गया जिसमे आरोपियों से जम कर वसूली का खेल किये जाने की खबरे आती रही।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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