अपहरण के मामले में कोर्ट ने सुनाई पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 7 साल की सजा
जौनपुर 6 मार्च :नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का चार साल पहले अपहरण कराने, पिस्टल सटाकर रंगदारी मांगने, गालियां व धमकी देने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह और सहयोगी संतोष विक्रम को सात साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। ऐसे में वे अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इससे पहले मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ/एमपी एमएलए शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत ने दोनों आरोपियों को अपहरण व रंगदारी में दोषी करार दिया था। साथ ही सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए छह मार्च की तिथि नियत की गई थी।
पूर्व सांसद धनंजय व संतोष विक्रम सिंह को इन धाराओं में हुई सजा-1-364 भारतीय दण्ड संहिता अपहरण के मामले में आजीवन कारावास या 10 वर्ष के लिए कठोर कारावास और जुर्माना। 2-386 भारतीय दंड संहिता रंगदारी मांगने के आरोप में 10 वर्ष व जुर्माना 3-120-बी भारतीय दंड संहिता षड़यंत्र में जिस प्रकार के अपराध के लिए लगा है षड्यंत्र ही दंड होगा। 4-504 भारतीय दंड संहिता में दो वर्ष कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकता है। 5-506 भारतीय दंड संहिता में अधिकतम सात वर्ष व न्यूनतम दो वर्ष की सजा व जुर्माना दोनों हो सकता है।