उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन मे खुले आम चल रहा है भ्रष्टाचार का साम्राज्य बडका बाबू बोले चलेगी मेरी मर्जी
लखनऊ9नवंबर: वैसे तो उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन और उसकी सहयोगी संस्थानो मे भ्रष्टाचार होने कोई नई बात नही है यहाँ छोटे से ले कर बडा बाबूओ तक भ्रष्टाचारी अब खुले आम भ्रष्टाचार का नंगा नाच कर रहे है चाहे आपकी जांच किसी भी स्तर की हो आपने *विभाग को क्यो ना करोडो का नुकसान ही क्यो ना किया हो हर समस्या का एक ही समाधान जेब से निकालो चादी का जूता और शुरू हो और चलाते चलो बस फिर क्या है सारा भ्रष्टाचार धुल जाऐगा आप गंगा की तरह पवित्र हो जाएगे। ताजा तरीन मामला है पूर्वांचल के पूर्व अधीक्षण अभियन्ता मशहूर भ्रष्टाचारी चांदी का जूता खाने और मारने के लिए पूरे पावर कार्पोरेशन मे विख्यात भ्रष्टाचारी के एम राव इन जनाब के उपर भ्रष्टाचार लोकायुक्त की जाच चल रही है कई अन्य विभागीय भ्रष्टाचार की जाँचे भी चल रही है इनके साथी अधिशाषी अभियन्ता के ऊपर भी विभागीय भ्रष्टाचार की जाँचे चल रही है मुख्यमंत्री के क्षेत्र गोरखपुर मे स्थित पोल निर्माण कार्यशाला को बन्द करने का भी श्रेय इन ही को जाता है जिसकी वजह से कार्पोरेशन को करोडो का घाटा होता है परन्तु ईमानदारी का चोला ओढे अध्यक्ष और उनके सहयोगी प्रदेश प्रबन्ध निदेशक पावर कार्पोरेशन दोनो बडाकाबाबूओ से जब यह सवाल किया गया कि इन मशहूर भ्रष्टाचारियो के मात्र एक दो वार्षिक वेतन वृद्धी का दण्ड क्या उचित है तो सबसे बडे बडका बाबू जी ने यह कहते हुए अपना पिण्ड छुडाया कि यह मामला प्रबंधनिदेशक स्तर का है मुझे कुछ भी ज्ञात नही और जब अवैध रूप से नियुक्त बडका बाबू प्रबंध निदेशक पावर कार्पोरेशन से यही प्रश्न किया जाता है तो जनाब का जवाब सुन कन कर आश्चर्य होता है जनाब बोले कि यह मेरे अधिकार क्षेत्र मे है कि मै किसे कितनी सजा दू किसे कम या किसे ज्यादा । यानि इनके जवाब से तो यही लगता है कि जम कर भ्रष्टाचार करो खूब करो जूता चलाओ और मन चाही सजा पाओ और मुक्त हो जाओ वैसे भी अभी 50 करोड के परिवर्तक घोटाले की जांच पिछले कई महीनो से चल रही है देखना है 2012 मे हुए घोटाले मे क्या होता है वैसे इस सजा को देखते हुए उस घोटाले मे भी इसी तरह की सजा की उम्मीद की जा सकती है फिलहाल कछुआ छाप जांच 2012 से 2021 तक पूरी नही हो पाई है उम्मीद है कि भ्रष्टाचारियो के सेवानिवृत्त होने के कुछ ही दिन पूर्व इसी तरह की सजा का धोषणा कर मामले की इतिश्री हो जाएगी। खैर
युद्ध अभी शेष है