काशी में रंगभरी एकादशी उत्सव का दुसरे दिन,गौरा को ससुराल के नियम समझाने के साथ गाए गए मंगल गीत
गौरा को विदा कराने रविवार को ससुराल पहुंचने से भोले बाबा
वाराणसी12मार्च:महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती विवाह के उपरांत रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा के गौना की रस्म उत्सव का क्रम शुक्रवार से टेढीनिम स्थित विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर आरंभ हो गया। महंत आवास पर गौरा के रजत विग्रह को संध्याबेला हल्दी लगाई गई। महंत आवास पर गौरा के विग्रह के समक्ष सुहागिनों और गवनहिरयों की टोली संध्या बेला में महंत आवास पहुंची। इस उत्सव में मोहल्ले की बुजुर्ग महिलाएं भी शरीक हुईं। शुक्रवार की शाम हुए इस उत्सव में ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच मंगल गीत गाते हुए महिलाओं ने गौरा को ससुराल के नियम समझाया। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान हो उठा। लोक संगीत के बीच बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित पारंपरिक गीतों का क्रम देर तक चला। मंगल गीतों में यह चर्चा भी की गई कि गौना के लिए कहां क्या तैयारी हो रही है।
गौरा को विदा कराने रविवार को ससुराल पहुंचने से भोले बाबा के आगमन के लिये तैयारिया कि जा रही है ठंडई मेवे और पकवान की व्यवस्था कि जा रही है।