पूर्वांचल

गांधी-जेपी की विरासत के नाम से मशहूर सर्व सेवा संघ के भवन पर चला बुलडोजर, सात लोग हिरासत में

वाराणसी 12अगस्त :गांधी-जेपी की विरासत के नाम से मशहूर वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ के भवन पर शनिवार को आखिरकार बुलडोजर चल गया। ध्वस्तीकरण के दौरान सर्व सेवा संघ के संयोजक रामधीरज समेत बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने मुख्य द्वार के पास बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कार्रवाई से आक्रोशित गांधीवादी सड़क पर लेट गए। पुलिसकर्मियों से नोकझोंक शुरू हो गई। हंगामा बढ़ा तो पुलिस ने सात लोगों को हिरासत में ले लिया। परिसर में एक डाक घर भी है। इसे गिराने के लिए रविवार तक की मोहलत दी गई है। आज उसका सामान शिफ्ट किया जा रहा है। उत्तर रेलवे के अधिकारियों, जिला प्रशासन, आरपीएफ-पुलिस फोर्स की मौजूदगी में परिसर स्थित गांधी विद्या संस्थान और सर्व सेवा प्रकाशन को भवनों पर बुलडोजर चला। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अभी जारी है। मौके पर कई थानों की पुलिस, रेल पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं। पुलिस, प्रशासन और रेलवे के अधिकारी मौजूद हैं। सर्व सेवा संघ और कई दलों के लोग राजघाट स्थित परिसर के पास पहुंच गए हैं। परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध है। हाल ही जिला प्रशासन और रेलवे ने सर्व सेवा संघ भवन और परिसर को कब्जा मुक्त कराया था। तभी से इस बात की संभावना थी कि बुलडोजर किसी भी दिन चल सकता है। सर्व सेवा संघ के पास राजघाट पर 8.07 एकड़ जमीन है। बड़ा भवन है। इसमें करीब 50 आवास बने हैं। चार संग्रहालय भी हैं। संघ के जमीन पर मालिकाना का हक दावा जिलाधिकारी कोर्ट ने खारिज कर दिया था, तभी रेलवे प्रशासन ने जमीन से कब्जा हटाने और भवन ध्वस्त करने का नोटिस चस्पा कर दिया था। इसके विरोध में गांधीवादी प्रदर्शन कर रहे थे। देश की शीर्ष अदालत तक मामला पहुंचा लेकिन वहां से सर्व सेवा संघ कार्यकर्ताओं को राहत नहीं मिली। शिनवार सुबह छह बुलडोजर और भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे प्रशासनिक व रेलवे के अधिकारियों ने भवन ध्वस्त कराया। विरोध करने वालों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सर्व सेवा संघ और उत्तर रेलवे के बीच जमीन के मालिकाना हक का विवाद चल रहा था। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट गया। हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की कोर्ट को जल्द फैसले लेने का आदेश दिया। जिलाधिकारी कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और उत्तर रेलवे के हक में फैसला दिया। संघ ने जिलाधिकारी के आदेश को पहले हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन निराशा हाथ लगी। राहत की याचिकाएं खारिज हो गईं। इसके बाद ही बुलडोजर की मदद से जमीन व भवन खाली कराने की चर्चा शुरू हो गई थी।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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