एक झलक

गौमाता राष्ट्रमाता हों,शंकराचार्य जी दीर्घायु हों कि कामना को लेकर जगन्नाथ,कोणार्क आदि मंदिरों में होगा दर्शन पूजन

वाराणसी,31मार्च :गौमता राष्ट्रमाता घोषित हों,गोकशी बंद हो व ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज दीर्घायु हों इस मंगलकामना को लेकर शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय भक्तमंडली के साथ एक सप्ताह हेतु धर्मयात्रा पर उड़ीसा जाएंगे वहां पर जगन्नाथ,कोणार्क,लिंगराज,केदारगौरी,साखी गोपाल,चौसठ योगिनी आदि मंदिरों में दर्शन पूजन कर अपनी कामना पूर्ण होने हेतु भगवान से प्रार्थना करेंगे।

उक्त जानकारी देते हुए परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया की चारों पीठों के शंकराचार्य जी महाराज के ईक्षा व आदेश से वर्तमान समय मे गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बंद कराने हेतु स्वतः स्फूर्त राष्ट्रव्यापी गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन चल रहा है।इस गौ आंदोलन का कमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज संभालें हुए हैं।गौरक्षार्थ चलाये जा रहे इस आंदोलन का सम्पूर्ण राष्ट्र में बहुत व्यापक असर पड़ा है।और इस आंदोलन से सौ करोड़ सनातनधर्मी किसी न किसी रूप से बहुत तेजी से जुड़ रहे हैं।

पाण्डेय ने बताया कि ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज के वृंदावन से दिल्ली संसद भवन तक नंगे पांव पदयात्रा का संकल्प पूर्ण हो गया है।लेकिन सनातनधर्म की सार गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बंद कराने हेतु पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज दृढ़ संकल्पित हैं।क्योकि गौमाता के अंदर तैंतीस कोटि देवी देवता प्रतिष्ठित हैं।गौ हमारी संस्कृति की प्राण हैं।शास्त्रों में कहा गया है “मातरः सर्वभूतानां गावः” अर्थात गाय समस्त प्राणियों की माता हैं।इसी कारण आर्य संस्कृति में पनपे शैव,वैष्णव,शाक्त,गाणपत्य,जैन,बौद्ध,सिख आदि धर्म सम्प्रदायों में उपासना व कर्मकांड की पद्धतियों में भिन्नता के बावजूद सभी गौमाता के प्रति आदर का भाव रखते हैं।दिव्य गुणों की स्वामिनी गौ धरती पर प्रत्यक्ष देवी हैं।वेद पुराणों में गौमाता के दिव्य गुणों के वर्णन से पृष्ठ भरे पड़े हैं।

इसलिए ऐसी हमारी गौमाता राष्ट्रमाता घोषित हों,गोविंद कर इस भारत भूमि पर गोकशी बंद हो इसीलिए गौमाता के रक्षार्थ कठिन तप व आंदोलन कर रहे सनातनधर्म की रीढ़ सचल शिव पूज्यपाद ज्योतिपिठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज दीर्घायु हों।इसी मंगलकामना को लेकर उड़ीसा में यह धर्मयात्रा की जा रही है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *