हाले पूर्वांचल विधुत वितरण निगम,जबरा मारे और रोने भी ना दे ऐसा है रंगबाज अभियन्ता पूर्वांचल का आतंक
वाराणसी 31 दिसम्बर : सर्वप्रथम सभी पाठको को आने वाले नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाऐ। वैसे हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री के दिशानिर्देश से महिला सशक्तीकरण के लिए तमाम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं परन्तु चिराग तले अधेरे वाली कहावत खुद प्रधानमंत्री के ससंदीय क्षेत्र वाराणसी मे हवा हवाई साबित हो रही है तो दूसरे क्षेत्रो का क्या ? वाराणसी के नगरी विद्युत वितरण खण्ड प्रथम के अधिशासी अभियंता द्वारा संविदा पर कार्य करके अपने परिवार को पालने वाली महिला को ही मानसिक व शारीरिक दोनो ही तरह की प्रताडना से गुजरना पड रहा है विद्युत वितरण खण्ड प्रथम के कार्यालय में तैनात महिला ने अपने ही अधिशासी अभियंता पर चरित्र हीनता का आरोप लगाते हुए वाराणसी के जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगायी है साथ ही विभगीय संगठन विद्युत मजदूर पंचायत को भी पीड़ित महिला द्वारा अपने साथ हुई घटना से अवगत कराया है जिसपर विभागीय ट्रेड यूनियन द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम प्रबन्धन को नोटिस भी दी जा चुकी है मामले को बढ़ता देख पूर्वांचल प्रबन्धन द्वारा सम्पूर्ण घटना की जांच के लिए एक कछुवा छाप जांच कमेटी गठित कर दी गयी है । वैसे जांच आरम्भ होने से पूर्व ही रंगबाज और भ्रष्टाचार से लबरेज अभियंता को फंसते देख विभागीय अभियंता संघ अपने चरित्रहीनता के आरोपी साथी को बचाने के लिए नूरा कुश्ती करने समने आ गया है वैसे भी चोर चोर मौसेरे भाई इसके अध्यक्ष और महासचिव दोनो पर ही करोडो के भ्रष्टाचार की जांच रही है तो लजमी है कि एक भ्रष्टाचारी दूसरे को बचाने आगे आयेगा ही वैसे यहाँ तैनात निदेशक द्वारा मामले में गठित कछुवा जांच कमेटी ने दिखावे के लिए जांच आरम्भ कर दी है अब देखना यह है कि संविदा पर काम करने वाली महिला को न्याय मिलता या नही।
वैसे जांच शुरू होते ही पीड़िता द्वारा मानसिक दबाव बनाने का कमेटी पर भी आरोप लगाए गये है
मामले की गम्भीरता को देखिए एक तरफ प्रबन्धन उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष के बगल वाले कमरे मे बैठने वाले बडका बाबूजी के पास आज कल पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का अतिरिक्त कार्यभार है और यहा पर अवैध रूप से तैनात बडकाऊ तो छुट्टी पर गये हुए है अब जनाब का आगमन तो नव वर्ष मे ही होगा तब तक अध्यक्ष महोदय और उनके बगल वाले कमरे मे बैठने वाले बडका बाबू जी यह पर क्या कर रहे है यह भी समझना जरूरी है क्योकि इस रंगबाज अधिशाषी अभियन्ता के द्वारा प्रताडित उपभोक्ताओ ने लिखित रूप से अभियन्ता के द्वारा प्रताड़ित करने व भ्रष्टाचार की शिकायत है परन्तु कही कोई सुनवाई नही होती दिख रही है दूसरी तरफ जांच कमेटी को जो पीडिता का बयान बन्द कमरे मे अकेले लेना चाहिए था उसे सार्वजनिक तौर पर बुला कर बयान दर्ज कराया गया महिला सम्मान की धज्जिया कि तरह उडाई जाती यहाँ प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है वैसे किस कानून के अंतर्गत पीडिता का बयान सार्वजनिक रूप से कराया गया यह समझ मे नही आता । क्या इस तरीके का कार्य प्रतारणा की श्रेणी मे नही आता या ऐसा रंगबाज अधिशषी अभियन्ता को बचाने के लिए किया जा रहा है क्यो प्रबन्ध निदेशक खुद इस मामले को अपने हाथ मे नही लेते क्या सिर्फ इस लिए कि इस अभियन्ता द्वारा देव दिवाली पर नौकायन का फ्री मे प्रबन्ध किया गया था या यह किसी खास राजनैतिक दल से सम्बंधित है
क्यो उक्त पीडिता को दर्जनो लोगो के सामने बुला कर बयान देने को बाध्य किया जाता है क्या सविदा पर कार्य करने वाली इस महिला का कोई आत्मसम्मान नही है क्यो उसे प्रताड़ित किया जा रहा है जबकि अधिषाशी अभियन्ता महोदय लोगो को टेलीफोन पर अपनी सफाई देते हुए कह रहे है कि उनके ही दफ्तर मे कोई उनके आदेश नही मानता वो महिला झूठ बोलती है क्या सविदा पर कार्य करने वाले की इतनी हिम्मत कि वो बिना बात हुए इल्जाम लगने लगे और अगर कोई जनाब के आदेश नही मानता तो फिर उस खण्ड मे आरजकता फैल जानी चाहिए परन्तु ऐसा कुछ भी नही है । खैर इस महिला को न्याय व सम्मान दिलाने के लिए शुरू हुआ यह
युद्ध अभी शेष है