एक झलक

डेंगू के बढ़ते प्रकोप से कैसे करे बचाव, कैसे होता है डेंगू और कितना है खतरनाक

28अक्टूबर : डेंगू एक वायरल बिमारी है जो एक खास प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू वायरस मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी प्रजाति के मादा मच्छरों द्वारा फैलता है और कुछ हद तक एई अल्बोपिक्टस से भी। ये मच्छर चिकनगुनिया, येलो फीवर और जीका वायरस के भी वाहक हैं। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते है क्योकिं इसमे हड्डी टूटने जैसा दर्द होता है और कई दिनो तक रहता है। कम फीसदी मे डेंगू बुखार वाले लोगों को डेंगू रक्तस्रावी बुखार नामक बीमारी का एक अधिक गंभीर रूप विकसित कर सकता है। सीडीसी के मुताबिक, डेंगू दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में समान्य है।

दुनिया की चालीस प्रतिशत आबादी, लगभग 3 अरब लोग, डेंगू के जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं। जोखिम वाले क्षेत्रों में डेंगू अक्सर बीमारी का एक प्रमुख कारण होता है। गंभीर डेंगू कुछ एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों में गंभीर बीमारी और मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। इसके लिए चिकित्सा पेशेवरों द्वारा प्रबंधन की ज़रूरत होती है। डेंगू/गंभीर डेंगू के लिए कोई खास इलाज नहीं है। गंभीर डेंगू से जुड़े रोग की प्रगति का जल्दी पता लगाना, और सही चिकित्सा देखभाल तक पहुंच गंभीर डेंगू की मृत्यु दर को 1 फीसदी से कम कर देती है।

कैसे रोके डेंगू को

1- वाटर टैंक व कंटेनरों को ढक कर रखे, घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने दे।
2-अनावश्यक कन्टेनर, कबाड़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दे। तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करे।
3- प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी बदले, कूलर आदि में ज़्यादा दिनों तक पानी जमा न होने दे।
4- घरों और होटल के वाटर टैंक में लार्वीवोरस फिश का उपयोग करे।
5- बर्ड बाथ, फूलदान आदि में प्रत्येक सप्ताह पानी बदले।

डेंगू से बचाव के उपाय

1- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे।
2- दिन के समय मच्छरों के काटने से बचने के लिए फुल सिलिव्स के कपड़े पहने बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह पर दवा का उपयोग करे।
3- घर में या घर के आस पास कूलर, बाल्टी, बैरल, फूलदान, बर्ड बाथ, फ्रीज़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दे।
4- टूटे बर्तन, अनुपयोगी बोतल, टिन, पुराने टायर, और कबाड़ को घर मे न जमा होने दे और न ही घर के पास उन्हें फेंके। उक्त चीज़ों का उचित निस्तारण सुनिश्चित कराए ताकि उसमें मच्छरों की ब्रीडिंग न हो पाए।
5- बुखार होने पर स्वंय से दवा न करे, चिकित्सक के परामर्श के उपरान्त ही दवा का उपयोग करें।

कैसे होता है डेंगू और कितना खतरनाक है

1- डेंगू एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से ही होता है। इस प्रजाति में केवल मादा मच्छर में ही डेंगू वायरस हो सकते हैं।
2- एक डेंगू मच्छर एक बार में करीब 100 अंडे देता है, इसके एक मच्छर की उम्र करीब दो हफ्ते होती है।
3- डेंगू का मच्छर दिन के उजाले में काटता है। खासकर सवेरे, शाम को इसके काटने की संभावना ज्यादा होती है।

4- देखा गया है कि यह मच्छर रात में जलती लाइट में भी काट सकता है।
5- यह मच्छर 15-16 डिग्री से कम तापमान में पैदा नहीं होता।
6- डेंगू के सर्वाधिक मामले जुलाई से अक्तूबर के बीच आते हैं।
7- स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 41% डेंगू मच्छर प्लास्टिक ड्रम, टंकियों में पैदा होते हैं। कूलर में 12%, निर्माण स्थलों पर इस्तेमाल लोहे के कंटेनरों में 17% डेंगू पैदा होते हैं।

ऐेसे शुरू होता है डेंगू का वार

1- डेंगू की शुरुआती स्टेज में फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
2-.इसके लक्षणों में तेज बुखार, चकत्ते, शरीर में तेज दर्द, भूख कम होना, उल्टी आना आदि होता है।
3- डेंगू जब खतरनाक अवस्था में पहुंचता है तो डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF) बन जाता है, जो जानलेवा होता है।
4- डीएचएफ की आगे की अवस्था डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है, जो खतरनाक हो सकता है।
5- डीएचएफ में बीपी तेजी से गिरता है, अंदरूनी अंग काम करना बंद कर देते हैं, जिससे रोगी की मौत हो जाती है।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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