एक झलक

देश के इस इकलौते मंदिर में होती है माता कौशल्या की पूजा,भगवान राम से इस स्थान का खास नाता

21जनवरी 2024
आज हम बात करेंगे एक ऐसे मंदिर की जो पूरे देश में इकलौता मंदिर है। भगवान राम की पूजा तो सभी करते हैं और देश में हजारों स्थान पर उनके भव्य मंदिर भी हैं। लेकिन उनकी माता कौशल्या का एकमात्र मंदिर है जहां लोग उनकी पूजा करते हैं। तो इस मंदिर के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं, यह मंदिर कहां स्थित है, क्या इसका पौराणिक महत्व है,क्या इसका स्वरूप है,कौशल्या माता से इस स्थान का क्या कनेक्शन है और यहां तक कैसे पहुंच जाए इन सब बिंदुओं पर चर्चा करेंगे आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ते रहिए।

देश मे इकलौता है इस तरह का मंदिर

दोस्तों 22 जनवरी को भगवान श्री राम के मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की वजह से पूरे देश में उत्साह का माहौल है। लाखों लोग जय श्री राम का उद्घोष करते हुए अयोध्या रामलला के दर्शन के लिए जा रहे हैं। ऐसे में हम एक ऐसे स्थान की बात करेंगे जिससे भगवान श्री राम से सीधा नाता है और यहां भगवान श्री राम की माता कौशल्या का भव्य मंदिर भी है। यह मंदिर पूरे देश का इकलौता मंदिर है। दोस्तों यह तो आपने सुनाई होगा कि भगवान राम का जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था लेकिन शायद आपको यह नहीं मालूम होगा कि भगवान श्री राम की ननिहाल कहां थी ।

छत्तीसगढ़ के चंदखुरी गांव में है भगवान राम की ननिहाल

आज हम इस लेख के माध्यम से आपको यह बताएंगे कि भगवान राम की ननिहाल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव में है। दरअसल में उस समय भारतवर्ष के दक्षिण कौशल के राजा भानुमान्त थे जिनकी बेटी कौशल्या की उत्तर कौशल राज्य के राजा दशरथ के साथ हुई थी। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ स्टेट में भगवान राम को भांजे के रूप में पूजा जाता है। माता कौशल्या का यह मंदिर ऐसा इकलौता है जो तालाब के बीचों बीच में है। और इसमें बड़ी तदायद में भक्त माता कौशल्या की पूजा के लिए जाते हैं।

मंदिर में माता कौशल्या की गोद में हैं रामलला

इस मंदिर में जो मूर्ति स्थापित है उसमें रामलला माता कौशल्या की गोद में खेलते हुए नजर आते हैं। यहां की जानकारों का मानना है कि भगवान राम ने अपने बचपन में यहां काफी समय बिताया था अपने वनवास के दौरान भी छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में वह कोई जगह रहे। माता कौशल्या की पूजा बड़ी आस्था के साथ यहां की जाती है क्योंकि ऐसी मां जिसे भगवान राम जैसे पुत्र को जन्म दिया इससे ऊंचा स्थान किसी और का नहीं हो सकता इसीलिए छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से लोग यहां पर आते हैं।

तालाब के बीचों बीच स्थित है यह मंदिर

इस गांव में एक दो नहीं बल्कि 100 से अधिक तालाब है। इन तालाबों के बीच में बना यह मंदिर सुंदर टापू जैसा दिखाई देता है। मंदिर के आसपास समुद्र मंथन की भी प्रतिभा बनाई गई है। यहां पर ऐसा महसूस होता है जैसा कि साक्षात भगवान राम के दर्शन हो गए हों। मंदिर के मुख्य द्वार के ठीक पास भगवान राम की विशालकाय मूर्ति भी बनी है यहां खड़े होकर लोग फोटो भी खिंचवाते हैं। इस मूर्ति की 51 फीट ऊंचाई है । रामनवमी के दिन यहां का दृश्य देखते ही बनता है। सरकार ने भी इस इलाके का काफी विकास किया है।

इस तरह पहुंचें चंदखुरी गांव

अगर आप भी इस स्थान पर प्रभु श्री राम को गोद में धारण किए हुए माता कौशल्या के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो आप बस या ट्रेन या फिर वायु मार्ग से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचकर वहां से महज 30 किलोमीटर दूर माता कौशल्या की जन्मस्थली पहुंचकर उनके दर्शन कर भगवान राम और माता कौशल्या दोनों की ही कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

नोट-यह लेख धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है,इसको लेकर लेखक का कोई निजी दावा नहीं है

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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