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देश के प्रसिद्ध ग्रंथों के मुताबिक दीवारों पर बनेगी देवी देवताओं की मूर्ति

अयोध्या21अक्टूबर: दुनिया की सबसे खूबसूरत मंदिर बनाने के लिए राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण में वैदिक विधि से ही नहीं आधुनिक तकनीक में आइकोनोग्राफी सिस्टम से भी लैस होगी। मंदिर में हवा में सुनाई देने वाली ध्वनि यंत्र, बिना वार के लाइटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा तो वही मंदिर के दीवारों, स्तंभों परकोटा के साथ प्लिंथ पर भी देश के विभिन्न ग्रंथों के मुताबिक देवी-देवताओं की मूर्ति बनाए जाएंगे।

राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण को लेकर राष्ट्र निर्माण का कार्य किया जा रहा है तो वही नवंबर के अंतिम सप्ताह से प्लिंथ निर्माण के लिए भी कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा लेकिन उसके पहले मंदिरों में आधुनिक सिस्टम को लेकर बनाए जाने के लिए मंदिर निर्माण समिति व राम जन्मभूमि टेस्ट की तीन दिवसीय बैठक बुलाई गई जिसमें मंदिर परिसर में ध्वनि सिस्टम लाइट सिस्टम सहित मूर्तियों को प्रदर्शित करने को लेकर चर्चा किया गया मिली जानकारी के मुताबिक मंदिरों में लाइट के वायर न दिखाई दे। इसके लिए प्लिंथ निर्माण के दौरान ही मंदिर के फर्श में इन तारों को बिछाए जाने का कार्य किया जा सकता है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार से प्रकाश व ध्वनि की व्यवस्था हो विशेष पर्व और त्योहारों के अवसरों पर प्रकाश, मंदिर के अंदर रोशनी और मंदिर के बारी भाग कैसे प्रकाशित हो। और वह सदैव एक जैसा हो या उसमें बदलाव भी किये जायें। भगवान के जन्म उत्सव पर किस प्रकार के रंगीन लाइट लगाई जाए।

ऐसे विषयों पर आज चर्चा विस्तार से चर्चा हुई है। और पूरे मंदिर में बड़ी संख्या में मूर्तियां बनेंगी खंभा और दीवारों पर भी मूर्तियों बनाया जाएगा मंदिर के बाहर बनने वाले परकोटा पर भी मूर्ति बनेंगी तो वही मंदिर के प्लिंथ पर भी मूर्तियां बनेंगी। जिसमें दशावतार नवग्रह शक्तिपीठ सहित शास्त्रों के अंदर व पौराणिक ग्रंथों में मंदिरों में बनने वाले पौराणिक मूर्तियों के वर्णन किया गया है उस पर चर्चा हुआ है। दुनिया भर के सभी ग्रंथों की लिस्ट बनाई गई है। जिनके आधार पर मंदिरों में मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा।वही बताया कि पूरे मंदिर परिसर को आइकोनोग्राफी सिस्टम के तहत लाइटिंग सिस्टम, पब्लिक ऐड्रस सिस्टम, और आधुनिक यंत्रों से परिसर की सुरक्षा जिसमे टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाए। बताया कि या मंदिर पत्थरों से ही तैयार किया जाना है जी ने लगाए जाने के बाद नाही इसमें कोई सुराग किया जा सकता है और ना ही तोड़ा जा सकता है। बताया कि परिसर में बिजली के उपयोग के लिए तार डालना पड़ता है लेकिन आधुनिक तकनीकी में वर्लेश सिस्टम के तहत बिना वायर के लाइटिंग को किये जाने की तकनीकी को लगाया जाएगा।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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