पूर्वांचल

धरती को बचाने के लिए जलयोग की जरूरत,नमामि गंगे ने गंगाजल में योग कर बताई जल संरक्षण की महत्ता

वाराणसी 21 जून,:काशी में गंगा अविरलता-निर्मलता और घाट किनारे स्वच्छता के संकल्प को साकार करने के लिए नमामि गंगे टीम ने विश्व योग दिवस पर दशाश्वमेध घाट के सामने जलयोग किया। गंगा में जलयोग के दौरान पद्मासन, अनुलोम विलोम , सूर्य नमस्कार जैसे जल में किए जाने वाले तमाम योग क्रियाओं का प्रदर्शन कर कार्यकर्ताओं ने जल संरक्षण एवं विश्वकल्याण की कामना की। आम जनता से अपील की गई कि अब समय आ गया है कि हम लोग स्वच्छता को धर्म बनाएं । स्वच्छता को अपना संस्कार बनाएं और इन संस्कारों के जरिए हम स्वयं को पर्यावरण से जोड़ सकते हैं। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि जल के लिए जनाधार का उपयोग करके जलयोग करने की जरूरत है। जल योग सबसे बड़ा योग होने वाला है। यदि जल नहीं होगा तो न योग होगा, न ध्यान होगा और न ही कोई क्रिया होगी। इसलिए जल को सुरक्षित और संरक्षित रखना नितांत आवश्यक है। आने वाले समय में जो समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, उसके लिए जल शक्ति को बढ़ाने की जरूरत है। कहा कि योगमय जीवन पद्धति ने समूचे विश्व को एक परिवार की तरह जोड़ कर रखा है। जल योग में प्रमुख रूप से काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला , महानगर सहसंयोजक बीना गुप्ता, महानगर प्रभारी पुष्पलता वर्मा , सोनू जी, कीर्तन बरनवाल, विजेता सचदेवा, सुनीता देवी, किरण यादव, अनिता गुप्ता, अभिनव हरबोला शामिल रहे ।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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