ताज़ातरीन

प्रधानमंत्री मोदी का लोगों ने काफिले पर पुष्प वर्षा कर किया स्वागत

गोरखपुर 7 जुलाई :उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोगों ने काफिले पर पुष्प वर्षा  कर स्वागत किया। पीएम नरेंद्र मोदी का गीता प्रेस में संबोधन खत्म हो गया है। अब उन्होंने अपना रोड शो शुरू किया है। उनके स्वागत में सैकड़ों लोग सड़कों पर उमड़ आए हैं। लोग उनपर पुष्पवर्षा कर रहे हैं।

गीता प्रेस एक संस्था नहीं, एक जीवंत आस्था: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो एक संस्था नहीं है, जीवन आस्था है। गीता प्रेस किसी भी मंदिर से कम नहीं है। इसके नाम में भी गीता है, इसके काम में भी गीता है। गीता में कृष्ण हैं। गीता प्रेस की धार्मिक पुस्तकें लोगों का मार्गदर्शन कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आर्ट पेपर पर प्रकाशित चित्रमय शिवपुराण व नेपाली में प्रकाशित शिव महापुराण का विमोचन किया।

पीएम मोदी ने कहा कि संतों की सदाशयता कभी निष्फल नहीं होती। इसी संकल्प का परिणाम है कि आज हमारा भारत सफलता के नित नए आयाम छू रहा है। अपना देश विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चल रहा है। काशी और अयोध्या इसका सटीक उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, गीता प्रेस विश्व का इकलौता ऐसा संस्थान है, जो एक जीवन आस्था है। करोड़ों लोगों के लिए ये संस्थान किसी मंदिर से कम नहीं। इसके काम और नाम में गीता है। जहां गीता है, वहां कृष्ण हैं। वहां करुणा है, ज्ञान भी है। वहां विज्ञान का शोध भी है।

उन्होंने कहा, इस बार का गोरखपुर का दौरा विकास भी, विरासत भी, इस नीति का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि चित्रमय शिवपुराण और नेपाली भाषा में शिव महापुराण के विमोचन का सौभाग्य मिला। अभी रेलवे स्टेशन जाउंगा। जबसे रेलवे स्टेशन की तस्वीर ट्वीट की है तो लोग आश्चर्य कर रहे हैं कि ऐसा भी विकास हो रहा है। वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाउंगा। एक समय था, जब नेता चिट्ठी लिखा करते थे कि ट्रेन का हॉल्ट बना दें। आज नेता चिट्ठी लिखकर कहते हैं हमारे क्षेत्र से भी वंदे भारत चलाइए। यह वंदे भारत का क्रेज है। इन सारे आयोजनों के लिए गोरखपुर के लोगों को बहुत बहुत-बधाई देता हूं।

पीएम मोदी ने कहा, सावन का पवित्र माह, इंद्र देव का आशीर्वाद, संतों की कर्मस्थली… ये गोरखपुर की गीता प्रेस। जब संतों का आशीर्वाद फलीभूत होता है तब ऐसे संस्थान बनते हैं। उन्होंने कहा, मुझे बताया गया कि गांधीजी ने सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका के लिए विज्ञापन न लिया जाए। आज भी कल्याण पत्रिका गांधीजी के सुझाव का पालन कर रही है। गीता प्रेस से करोड़ों किताब प्रकाशित हो चुकी हैं। ये किताब लागत से कम मूल्य पर बिकती हैं। घर-घर पहुंचाई जाती है। आप कल्पना करिए इन किताबों ने कितने समर्पित नागरिकों का निर्माण किया। मैं ऐसे लोगों को प्रणाम करता हूं।

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *