पूर्वांचल

बांग्लादेश कृषि विकास निगम के प्रतिनिधियों ने इर्री का किया दौरा

यूवाराणसी1माई :आधुनिक चावल अनुसंधान के क्षेत्रों में अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के ज्ञान और अनुभवों का दोहन करने के उद्देश्य से, बांग्लादेश कृषि विकास निगम के प्रतिनिधियों की एक टीम ने इर्री के वाराणसी स्थित दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आइसार्क)) का भ्रमण किया। इस भ्रमण के माध्यम से टीम ने नवीनतम आधुनिक तकनीकों जैसे कि किस्मों के विकास/प्रजनन, किस्मों के परीक्षण प्रोटोकॉल, गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन, किस्मों की स्थिति के तरीकों, मूल्य श्रृंखला प्रस्तावों और उत्पादन के बाद के अभ्यासों के बारे में जाना। यह टीम अपने पांच दिवसीय भारत दौरे के चौथे दिन वाराणसी पहुँची।
आइसार्क, वाराणसी आने से पहले, उन्होंने ओडिशा में तीन दिवसीय एक्सपोज़र विजिट किया जहां उन्होंने चावल आधारित कृषि-खाद्य प्रणालियों में इर्री द्वारा किये जा रहे प्रगति-कार्यों के बारे में जाना।
प्रतिनिधियों की टीम में बीएडीसी के सदस्य निदेशक (बीज और बागवानी) मो. मुस्ताफिजुर रहमान, बीएडीसी के संयुक्त निदेशक (बीज विपणन) डॉ. मो. महबूबुर रहमान, बीएडीसी के मुख्य समन्वयक डॉ. मो. नजमुल इस्लाम माणिक और कार्यक्रम समन्वयक, बीएडीसी-इर्री सहयोग कार्यक्रम,डॉ. रिपन सिकदर, वरिष्ठ सहायक निदेशक, अनुसंधान प्रकोष्ठ, बीएडीसी के साथ-साथ इर्री बांग्लादेश के प्रमुख वैज्ञानिक उपस्थित रहे। अपनी स्थापना के बाद से, अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) चावल मूल्य श्रृंखला में शामिल विभिन्न हितधारकों की क्षमता को बढ़ाते हुए चावल आधारित खाद्य प्रणालियों की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए चावल उत्पादन में नवीन अत्याधुनिक तकनीकों में अग्रणी रहा है। दशकों से, आईआरआरआई ने भुखमरी को कम करने, चावल किसानों की आजीविका का समर्थन करने और बढ़ती जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए भागीदार देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया है।
प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए, आइसार्क के निदेशक, डॉ. सुधांशु सिंह ने उन विभिन्न आयामों से अवगतकिया, जिनके माध्यम से केंद्र चावल आधारित कृषि-खाद्य प्रणालियों को बढ़ाने में सहायता कर रहा है और दक्षिण एशिया और वैश्विक स्तर पर गरीबी और भूख उन्मूलन में योगदान दे रहा है। बांग्लादेश के साथ इर्री के सहयोग की लंबी यात्रा पर चर्चा करते हुए, उन्होंने केंद्र में इस तरह की एक्सपोजर यात्राओं पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देते हुए ज्ञान और अनुभवों के आदान-प्रदान करने का अवसर देती है।
इस अवसर पर बोलते हुए, बीएडीसी के सदस्य निदेशक (बीज और बागवानी) मो. मुस्तफिजुर रहमान ने भी आइसार्क में चल रही नवीन अनुसंधान गतिविधियों की सराहना की। केंद्र में अत्याधुनिक प्रयोगशाला सुविधाओं का उल्लेख कर उसकी सराहना की। उन्होंने कहा, “हमें अपनी पूरी यात्रा के दौरान इर्री द्वारा चावल अनुसंधान में किये जा रहे कई कार्यो का काफी अनुभव प्राप्त हुआ है। पिछले तीन दिनों में ओडिशा और आज वाराणसी स्थित इस केंद्र में प्राप्त जानकारियों से हमने जाना है कि इर्री किस प्रकार बीज प्रणाली और चावल प्रजनन, और सटीक कृषि के अन्य प्रमुख पहलुओं का मजबूती से समर्थन कर रहा है। किसानों के कल्याण और खाद्य प्रणालियों को मजबूत करने के हमारे साझा लक्ष्यों की दिशा में मिलकर काम करने के लिए हम निश्चित रूप से इस तरह के और अनुभव और सहयोग चाहते हैं।”

Prabandh Sampadak chandrashekhar Singh

Prabhand Sampadak Of Upbhokta ki Aawaj.

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